सेवा और समर्पण के 97 साल, भाजपा के आदि पुरुष लालकृष्ण आडवाणी का जन्मदिन

Prashant Prakash
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नई दिल्ली | आधुनिक भारतीय राजनीति में लालकृष्ण आडवाणी का नाम एक अत्यंत सम्मानित और प्रेरणादायक शख्सियत के रूप में लिया जाता है। उनके योगदान और समर्पण की कोई भी कद्र नहीं कर सकता, यह कहना अतिश्योक्ति होगी। उनकी राजनीति और व्यक्तित्व न केवल भाजपा के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले थे, बल्कि उन्होंने भारतीय राजनीति को नए आयाम दिए। आडवाणी के समर्पण की कहानी शायद किसी और नेता के लिए उदाहरण नहीं बन सकती। वह राजनीति में एक ऐसे व्यक्तित्व के रूप में उभरे, जिन्होंने अपनी पार्टी और विचारधारा के प्रति अडिग निष्ठा और संघर्ष की मिसाल पेश की।

समर्पण से परिपूर्ण राजनीति
लालकृष्ण आडवाणी का जीवन संघर्ष, समर्पण और त्याग से भरा हुआ रहा है। एक ऐसे नेता, जो खुद को कभी नितांत अहम नहीं समझते थे, जिनका केवल एक ही उद्देश्य था – पार्टी और देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाना। आडवाणी का समर्पण केवल शब्दों में नहीं, बल्कि उनके कार्यों में भी बखूबी दिखाई दिया। भाजपा की नींव रखने वाले इस नेता का नेतृत्व और राजनीतिक सिद्धांत आज भी पार्टी के लिए मार्गदर्शक बनते हैं।

उनकी राजनीति में स्वार्थ का कोई स्थान नहीं था, और न ही किसी प्रकार का व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा। अटल बिहारी वाजपेयी जैसे महान नेता से लेकर अन्य राजनीतिक सहयोगियों तक, आडवाणी का समर्पण कभी भी सवालों के घेरे में नहीं आया। उन्होंने न सिर्फ पार्टी की बुनियाद मजबूत की, बल्कि उसे हर परिस्थितियों में बचाए रखने की कोशिश की।

पार्टी के लिए संघर्ष और त्याग
आडवाणी के राजनीतिक जीवन के कई मोड़ ऐसे आए जब उन्हें उपेक्षा का सामना करना पड़ा, लेकिन उनका समर्पण और विश्वास कभी भी डिगा नहीं। भाजपा में उनके योगदान को कभी नजरअंदाज किया गया, कई बार उनकी भूमिका को हाशिए पर डालने की कोशिश की गई, फिर भी उन्होंने अपने पार्टी के सिद्धांतों और विचारधारा के प्रति निष्ठा बनाए रखी। यह वह समय था, जब पार्टी में सत्ता के लिए संघर्ष चल रहा था और उनकी राजनीतिक स्थिति कमजोर हो रही थी, लेकिन आडवाणी ने कभी किसी प्रकार की सार्वजनिक आलोचना या विरोध नहीं किया। यह उनके समर्पण और साधना की मिसाल है, जो आज भी राजनीति में अनमोल है।

यह समर्पण सिर्फ व्यक्तिगत नहीं था, बल्कि वह पार्टी और विचारधारा के प्रति अपनी पूरी जिम्मेदारी निभाने के लिए हर संभव कदम उठाते थे। एक नेता के रूप में उनका यह आंतरिक बल और पार्टी के लिए उनका त्याग, उन्हें और उनके विचारों को अद्वितीय बनाता है।

भाजपा के निर्माण में आडवाणी का योगदान
आडवाणी का जीवन भाजपा के प्रारंभिक संघर्षों और सफलता का गवाह रहा है। जब भारतीय जनता पार्टी का गठन हुआ, तो आडवाणी ने न केवल संगठनात्मक स्तर पर पार्टी को मजबूती दी, बल्कि उसे एक विचारधारा के रूप में भी स्थापित किया। उन्होंने अपनी पार्टी को न केवल राजनीतिक शक्ति में तब्दील किया, बल्कि राष्ट्रीय राजनीति में उसका स्थान भी मजबूत किया। 

उनकी अगुवाई में, भाजपा ने भारतीय राजनीति के केंद्र में एक महत्वपूर्ण स्थान हासिल किया। उनकी दूरदृष्टि और नेतृत्व ने पार्टी को भारत के राजनीतिक परिदृश्य में एक मजबूत स्थान दिलवाया। उनके योगदान को आज भी भुलाया नहीं जा सकता है, क्योंकि उन्होंने भारतीय राजनीति को एक नया दृष्टिकोण और दिशा दी।

समर्पण की परिभाषा
आज के इस राजनीतिक दौर में जब नेताओं की निष्ठा, समर्पण और राजनीतिक आदर्श अक्सर पर सवाल उठाए जाते हैं, आडवाणी का जीवन एक जीवित उदाहरण है कि कैसे समर्पण और परिश्रम से अपने सिद्धांतों और पार्टी को सफलता दिलाई जा सकती है। आडवाणी का जीवन यह सिद्ध करता है कि राजनीति में सच्चे समर्पण और मेहनत के साथ आप अपने देश और पार्टी के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभा सकते हैं। उन्होंने यह साबित किया कि समर्पण केवल खुद के लिए नहीं, बल्कि एक विचारधारा के लिए होना चाहिए, जो समाज के समग्र कल्याण की दिशा में कार्य करे।

आडवाणी के योगदान का इतिहास
लालकृष्ण आडवाणी की सबसे बड़ी पहचान उनके नेतृत्व में अयोध्या में राम मंदिर आंदोलन के समय की गई संघर्षों से जुड़ी हुई है। इस आंदोलन ने भारतीय राजनीति की दिशा बदल दी और भाजपा को एक नई ताकत दी। यह आंदोलन न केवल पार्टी के लिए, बल्कि देश के लिए भी एक ऐतिहासिक मोड़ साबित हुआ। आडवाणी ने राजनीति में धर्म, संस्कृति और सामाजिक मुद्दों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता और संघर्ष को बिना किसी हिचकिचाहट के सामने रखा।

लालकृष्ण आडवाणी का जीवन और उनका समर्पण भारतीय राजनीति में एक अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत करता है। उनके योगदान, त्याग और संघर्ष की कोई बराबरी नहीं कर सकता। उनकी राजनीति और विचारधारा न केवल भाजपा, बल्कि समग्र भारतीय समाज के लिए एक प्रेरणा स्रोत बनी हुई है। उनकी निष्ठा और संघर्ष आज के नेताओं के लिए एक आदर्श है और उनकी कहानी आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी रहेगी। 

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