मुंबई | हाल ही में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के एक बयान ने महाराष्ट्र में राजनीतिक हलचल मचा दी। योगी ने एक बयान में कहा था, "बटेंगे तो कटेंगे", जो भारतीय समाज में विभाजन और विरोधाभासों के संदर्भ में दिया गया था। उनके इस बयान का महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री अजित पवार ने कड़ा विरोध किया है और इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि "यह यूपी में चलता होगा, महाराष्ट्र के लोग अलग विचारधारा के हैं और हम सब साथ-साथ रहते हैं।" उनका कहना था कि महाराष्ट्र की विशेष सामाजिक और सांस्कृतिक पहचान है, जिसे योगी आदित्यनाथ जैसे बयान नहीं बदल सकते।
अजित पवार का बयान
अजित पवार ने आगे कहा कि महाराष्ट्र में समाज के विभिन्न समुदायों, धर्मों और जातियों के बीच समरसता और भाईचारे की भावना कायम रही है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि यहां के लोग हमेशा साथ रहते हैं, और इस राज्य का इतिहास छत्रपति शिवाजी महाराज, राजर्षि शाहू महाराज, और महात्मा फुले जैसे महान नेताओं से प्रेरित है, जिन्होंने समाज में समानता, न्याय और समृद्धि का संदेश दिया। अजित पवार के अनुसार, "महाराष्ट्र ने कभी भी ऐसी विभाजनकारी सोच को स्वीकार नहीं किया है और न ही यह यहां की परंपराओं का हिस्सा है।"
योगी का बयान : 'बटेंगे तो कटेंगे'
योगी आदित्यनाथ का यह बयान खासकर उस समय चर्चा में आया जब उन्होंने उत्तर प्रदेश के विभिन्न समाजों और समुदायों के बीच बढ़ते विभाजन पर अपनी चिंता व्यक्त की थी। उनका कहना था कि अगर समाज के विभिन्न हिस्से आपस में बंटते हैं तो इसका परिणाम कटुता और असहमति के रूप में सामने आएगा। उनके बयान का मकसद समाज में एकता बनाए रखना और विकास के रास्ते पर चलने की प्रेरणा देना था, लेकिन इसे कुछ नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने विभाजनकारी नजरिए के रूप में लिया और इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की।
महाराष्ट्र की अलग पहचान
अजित पवार का यह बयान इस बात को स्पष्ट करता है कि महाराष्ट्र की राजनीतिक और सामाजिक परिस्थितियां उत्तर प्रदेश से अलग हैं। यहां के लोग अपनी विविधता में एकता पर विश्वास करते हैं, और उनके लिए समरसता, सहयोग और सामाजिक न्याय सर्वोपरि है। छत्रपति शिवाजी महाराज ने जहां धर्मनिरपेक्षता और सामाजिक एकता का संदेश दिया, वहीं राजर्षि शाहू महाराज और महात्मा फुले ने समाज में शिक्षा और समानता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए। ये महापुरुष समाज के हर वर्ग के लिए आदर्श रहे हैं और उनकी शिक्षाएं आज भी महाराष्ट्र के लोगों के दिलों में बसी हुई हैं।
समाजवादी धारा और भारतीय राजनीति
महाराष्ट्र में राजनीतिक विमर्श हमेशा से समाजवादी धारा, धर्मनिरपेक्षता और सामाजिक न्याय के सिद्धांतों पर आधारित रहा है। यहां के राजनीतिक नेता, चाहे वे कांग्रेस से हों, एनसीपी से या शिवसेना से, आम तौर पर समाज के सभी वर्गों को समान अधिकार देने की बात करते आए हैं। इस संदर्भ में अजित पवार का बयान उस व्यापक राजनीतिक और सामाजिक परिप्रेक्ष्य को दर्शाता है, जिसमें महाराष्ट्र के लोग सामाजिक समरसता और भाईचारे के पक्षधर हैं।
योगी आदित्यनाथ का 'बटेंगे तो कटेंगे' बयान और अजित पवार का उसकी प्रतिक्रिया, दोनों ही राज्य की अलग-अलग सामाजिक और राजनीतिक स्थितियों को उजागर करते हैं। जहां एक ओर उत्तर प्रदेश में सामुदायिक असमानताओं और विभाजन को लेकर चिंता जताई जा रही है, वहीं महाराष्ट्र में समाज के हर वर्ग के साथ समरसता और सामाजिक न्याय को प्राथमिकता दी जाती है। इस प्रकार, दोनों राज्यों की राजनीतिक संस्कृति और दृष्टिकोण एक-दूसरे से काफी भिन्न हैं, और यही भिन्नता उनकी सामाजिक-राजनीतिक पहचान को प्रभावित करती है।