कोनहारा घाट पर भूत भगाने का लगा मेला, कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर "तंत्र-मंत्र और आस्था" का होता हैं अद्भुत संगम

Prashant Prakash
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वैशाली | हाजीपुर के प्रसिद्ध कोनहारा घाट पर कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर एक अनोखा मेला आयोजित हुआ, जहाँ तंत्र-मंत्र और आस्थाओं का अद्भुत संगम देखने को मिला। इस मेले में लाखों लोग अपनी भूत-प्रेत से जुड़ी समस्याओं का समाधान पाने के लिए पहुंचे। स्थानीय मान्यता के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा की रात को कोनहारा घाट पर पूजा-पाठ करने से भूत-प्रेत, दैवीय शक्तियां और अन्य नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है। इस अवसर पर आयोजित होने वाले तंत्र-मंत्र के आयोजन ने इसे एक विशेष धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम बना दिया है।

कोनहारा घाट : भूत भगाने का स्थल
कोनहारा घाट का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। यहां हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन एक भव्य मेला लगता है, जिसे स्थानीय लोग ‘भूत भगाने के मेले’ के नाम से जानते हैं। माना जाता है कि इस रात तंत्र-मंत्र का प्रभाव खास होता है और यहां पूजा करने से लोग अपने घरों में शांति और सुख-समृद्धि ला सकते हैं। साथ ही, यह मेला भूत-प्रेतों और दैवीय बाधाओं से मुक्ति पाने की भी एक परंपरा बन चुका है।

तंत्र-मंत्र के खेल में जुटी आस्था
इस मेले में ओझा और तांत्रिक अपनी साधना करते हुए नजर आते हैं। कई तांत्रिक एक साथ मंत्र-तंत्र के उच्चारण में जुटे रहते हैं, तो कुछ अपने मंत्रों का जादू दिखाने के लिए खास साधना विधियों का पालन करते हैं। जहां एक ओर कुछ महिलाएं ओझा के मंत्रों पर झूमती और सिर पटकती नजर आती हैं, वहीं कई ओझा कपूर जलाकर अपने हाथों से विशेष तंत्र-मंत्र का जाप करते हुए आध्यात्मिक शक्ति का संचरण करते दिखते हैं।

अजीबोगरीब दृश्य और माहौल
इस मेले में एक अजीब सा माहौल बन जाता है। दूर-दूर से लोग यहां पहुंचते हैं, और हर कोई अपने-अपने विश्वास और आस्था के अनुसार तंत्र-मंत्र से जुड़ी विधियों का पालन करता है। कई लोग ओझा से अपनी परेशानियों का हल मांगने आते हैं, तो कुछ लोग बुरी नजर, नकारात्मक ऊर्जा और भूत-प्रेत के भंवर से मुक्ति के लिए यहां पूजा करने आते हैं। कुछ भक्त अपनी श्रद्धा दिखाने के लिए विशेष रूप से सिर पर पानी भी चढ़ाते हैं, जबकि अन्य लोग विभिन्न प्रकार की धार्मिक अनुष्ठान करते हैं।

सुरक्षा के कड़े इंतजाम
भूत भगाने के इस मेले में लाखों श्रद्धालु उमड़ते हैं, जिससे सुरक्षा के लिहाज से विशेष इंतजाम किए जाते हैं। इस बार मेले के दौरान हाजीपुर प्रशासन ने करीब 1000 पुलिसकर्मियों की तैनाती की थी, ताकि किसी प्रकार की अप्रिय घटना को रोका जा सके। पुलिस ने मेले के हर कोने में निगरानी रखने के लिए सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन का भी सहारा लिया। इसके साथ ही यातायात व्यवस्था को भी बेहतर बनाने के लिए विशेष इंतजाम किए गए थे।

आस्था और परंपरा का अनोखा संगम
यह मेला न सिर्फ भूत-प्रेत से मुक्ति पाने का एक माध्यम है, बल्कि यह हाजीपुर के धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का एक अद्भुत उदाहरण भी है। यहां आस्था, विश्वास और तंत्र-मंत्र की शक्ति का अद्वितीय संगम देखने को मिलता है। चाहे आप आस्था के बल पर यहां आते हों, या केवल उत्सुकता के कारण, यह मेला हर व्यक्ति को एक नए अनुभव का सामना कराता है।

कोनहारा घाट का यह भूत भगाने का मेला लोगों के बीच एक नई उम्मीद और विश्वास का संचार करता है। यहां की धार्मिक परंपराएं और तंत्र-मंत्र की विधियां लोगों की आस्था और विश्वास को एक नया रूप देती हैं, जिससे यह मेला हर साल एक आकर्षण का केंद्र बन जाता है।

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