पश्चिम चंपारण । बिहार की शांत मानी जाने वाली पुलिस लाइन उस वक्त गोलियों की गूंज से थर्रा उठी जब शनिवार रात एक सिपाही ने अपने ही साथी सिपाही को 10 से ज़्यादा गोलियां मारकर मौत के घाट उतार दिया। यह खौफनाक वारदात पश्चिम चंपारण जिले की पुलिस लाइन में हुई, जिसने पूरे पुलिस विभाग को हिला कर रख दिया।
मृतक सिपाही की पहचान **सोनू कुमार** के रूप में हुई है, जबकि गोली चलाने वाला जवान **सर्वजीत कुमार** है। शुरुआती जांच में सामने आया है कि दोनों के बीच किसी व्यक्तिगत मुद्दे को लेकर लंबे समय से तनाव चल रहा था।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, शनिवार रात दोनों जवानों के बीच किसी बात को लेकर तीखी बहस हुई, जो देखते ही देखते हिंसक रूप ले बैठी। गुस्से से तमतमाए सर्वजीत ने अपनी सर्विस राइफल उठाई और सोनू पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दीं। सोनू को करीब 10 से अधिक गोलियां लगीं और मौके पर ही उसकी मौत हो गई।
क्या था विवाद का कारण?
सूत्रों की मानें तो इस हिंसक घटना के पीछे व्यक्तिगत रिश्तों की दरार मुख्य वजह रही। चर्चा है कि सोनू का सर्वजीत की पत्नी से संपर्क था, जिसे लेकर सर्वजीत नाराज़ था और संभवतः यही रंजिश इस हत्याकांड की जड़ बनी। हालांकि, पुलिस ने इस पहलू की अब तक पुष्टि नहीं की है, लेकिन जांच इस दिशा में भी की जा रही है।
पुलिस की कार्रवाई
घटना के तुरंत बाद पुलिस अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर सर्वजीत को गिरफ्तार कर लिया। घटना में प्रयुक्त राइफल को भी जब्त कर लिया गया है। आरोपी से पूछताछ जारी है और पुलिस लाइन की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं।
जिला प्रशासन सतर्क
घटना के बाद जिला प्रशासन और पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। वरीय अधिकारी मामले की बारीकी से जांच कर रहे हैं। पुलिस लाइन जैसी सुरक्षित जगह पर इस तरह की हिंसा को लेकर विभागीय कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठने लगे हैं।
निष्कर्ष
यह दर्दनाक घटना न सिर्फ कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है, बल्कि पुलिस बल के भीतर मानसिक तनाव, आपसी रिश्तों और अनुशासन के गिरते स्तर की ओर भी इशारा करती है। आने वाले समय में पुलिस विभाग को इस दिशा में गंभीरता से विचार करना होगा, ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।