वैशाली | प्राचीन इतिहास और अध्यात्म की समृद्ध भूमि वैशाली में आज एक बार फिर संस्कृति और परंपरा की गौरवगाथा गूंजी जब "वैशाली महोत्सव 2025" का भव्य उद्घाटन समारोह संपन्न हुआ। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने वैशाली की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्ता को रेखांकित करते हुए कहा कि "वैशाली न केवल शांति और ज्ञान की भूमि है, बल्कि यह भारत की गौरवशाली विरासत का प्रतीक भी है। यहाँ की धरा ने बुद्ध, महावीर और गणराज्य की परंपरा को जन्म दिया है।"
उद्घाटन समारोह में उनके साथ पर्यटन मंत्री राजू कुमार सिंह, वैशाली की सांसद बीना देवी, एमएलसी बंशीधर ब्रजवासी, विधायक सिद्धार्थ पटेल, मुकेश रौशन और संजय कुमार सिंह, पर्यटन विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह, जिलाधिकारी यशपाल मीणा एवं पुलिस अधीक्षक ललित मोहन शर्मा समेत कई वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे।
**वैशाली महोत्सव 2025** के उद्घाटन में पारंपरिक लोकनृत्य, सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ, और क्षेत्रीय कलाकारों के रंगारंग कार्यक्रमों ने उपस्थित जनसमूह को मंत्रमुग्ध कर दिया। साथ ही बिहार की सांस्कृतिक विविधता, पर्यटन की संभावनाएं, और ऐतिहासिक स्थलों के महत्व को प्रदर्शित करने वाली झांकियां भी आकर्षण का केंद्र बनीं।
उपमुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि राज्य सरकार वैशाली को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर लाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि पर्यटन अधोसंरचना को सुदृढ़ करने के लिए विशेष योजनाएं चल रही हैं जिससे देश-विदेश से आने वाले पर्यटक वैशाली की गौरवगाथा से रूबरू हो सकें।
इस भव्य आयोजन ने न केवल स्थानीय लोगों को अपनी संस्कृति पर गर्व करने का अवसर दिया, बल्कि पर्यटकों के लिए भी यह एक अविस्मरणीय अनुभव बन गया। वैशाली महोत्सव अब केवल एक सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि बिहार की समृद्ध परंपरा, पर्यटन और विकास का प्रतीक बन चुका है।