प्राकृतिक तरीकों से बढ़ाए हीमोग्लोबिन, आहार और जीवनशैली में इन बातों का रखें ध्यान

Prashant Prakash
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हीमोग्लोबिन शरीर में मौजूद एक आवश्यक प्रोटीन है जो रक्त में ऑक्सीजन को शरीर के विभिन्न भागों तक पहुंचाता है। यदि इसकी मात्रा कम हो जाए तो थकान, सांस फूलना, सिर दर्द और चक्कर आना जैसी समस्याएं शुरू हो सकती हैं। ऐसे में यह जानना जरूरी हो जाता है कि हीमोग्लोबिन के स्तर को प्राकृतिक रूप से कैसे बढ़ाया जाए।

डब्ल्यूएचओ की सिफारिशें  

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, आयरन युक्त खाद्य पदार्थों का नियमित सेवन हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाने का सबसे सुरक्षित और प्रभावी तरीका है। 

आयरन से भरपूर खाद्य पदार्थ  

हीमोग्लोबिन बढ़ाने के लिए अपने आहार में निम्नलिखित खाद्य पदार्थों को शामिल करें :

1. लीन रेड मीट (कम वसा वाला लाल मांस) – यह सबसे अच्छा हीम आयरन (हेम आयरन) स्रोत है जो शरीर में आसानी से अवशोषित होता है।  

2. मुर्गी और मछली – प्रोटीन के साथ-साथ इनमें भी अच्छा खासा आयरन होता है।  

3. हरी पत्तेदार सब्ज़ियाँ – जैसे पालक, मेथी, सरसों का साग आदि आयरन के साथ-साथ फोलिक एसिड भी प्रदान करती हैं।  

4. फलियां और बीन्स – राजमा, छोले, मूंग आदि शाकाहारी स्रोतों से आयरन के लिए बेहतरीन विकल्प हैं।  

5. फोर्टिफाइड अनाज (Iron-Fortified Cereals) – बाजार में उपलब्ध ऐसे उत्पादों को चुनें जिनमें आयरन मिलाया गया हो।  

6. सुखे मेवे – खासकर किशमिश, अंजीर और खजूर आयरन से भरपूर होते हैं।

विटामिन C का महत्व  
विटामिन C आयरन के अवशोषण को बढ़ाने में मदद करता है। इसलिए आयरन युक्त भोजन के साथ आंवला, संतरा, नींबू, टमाटर या अमरूद जैसे विटामिन C युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन ज़रूर करें।

इन चीज़ों से बनाएं दूरी  

* चाय, कॉफी और कोको – इनमें टैनिन और कैफीन होते हैं जो आयरन के अवशोषण में बाधा डालते हैं।  

* कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थ और सप्लीमेंट्स – दूध, दही या कैल्शियम सप्लीमेंट आयरन के साथ न लें क्योंकि ये अवशोषण को रोकते हैं।  

* आयरन युक्त भोजन के कम से कम एक घंटे पहले और बाद में इन चीजों से बचें।

जीवनशैली में बदलाव  

- नियमित व्यायाम करें, जिससे रक्त परिसंचरण बेहतर होता है।  
- तनाव से बचें, क्योंकि तनाव हार्मोनल असंतुलन पैदा कर सकता है।  
- नींद पूरी लें, ताकि शरीर की मरम्मत और पुनर्निर्माण प्रक्रिया बेहतर हो सके।  

कब डॉक्टर से सलाह लें?  

अगर थकान, कमजोरी, या सांस फूलने जैसे लक्षण लगातार बने रहें, तो डॉक्टर से खून की जांच करवा कर उचित चिकित्सा लेनी चाहिए। कभी-कभी हीमोग्लोबिन की कमी किसी गंभीर बीमारी का संकेत भी हो सकती है।

निष्कर्ष

हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ाना केवल दवाइयों से नहीं, बल्कि संतुलित आहार और सही जीवनशैली से भी संभव है। शरीर को जो ज़रूरत है, वो अगर समय पर और प्राकृतिक तरीके से मिल जाए, तो दवाओं की ज़रूरत ही न पड़े।
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