बिहार की राजनीति में एक बड़ा घटनाक्रम सामने आया है। *महागठबंधन* के घटक दलों की अहम बैठक के बाद राज्य में एक *कोऑर्डिनेशन कमेटी* के गठन की घोषणा की गई है। इस कमेटी की कमान **राजद नेता तेजस्वी यादव** को सौंपी गई है, जो गठबंधन की रणनीतिक दिशा तय करने में केंद्रीय भूमिका निभाएंगे।
क्या है कोऑर्डिनेशन कमेटी की भूमिका?
इस समिति का गठन गठबंधन की कार्यप्रणाली को अधिक संगठित, योजनाबद्ध और प्रभावशाली बनाने के उद्देश्य से किया गया है। **बिहार कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लावारू** ने बताया कि यह कमेटी तीन प्रमुख मोर्चों पर काम करेगी
1. चुनावी कैंपेन की रणनीति तैयार करना
2. कॉमन मिनिमम प्रोग्राम (CMP) को अंतिम रूप देना
3. घोषणा पत्र (Manifesto) का निर्माण
इसके अतिरिक्त, कोऑर्डिनेशन कमेटी जिला और प्रखंड स्तर तक *स्थानीय समन्वय* सुनिश्चित करेगी ताकि जमीनी स्तर पर भी गठबंधन की पकड़ मजबूत हो।
तेजस्वी यादव की अगुवाई में नई धार
तेजस्वी यादव का नेतृत्व महागठबंधन के लिए ऊर्जा और अनुभव का संगम है। बतौर पूर्व उपमुख्यमंत्री और जनाधार वाले नेता, वे युवाओं और गरीब तबके के बीच खासे लोकप्रिय हैं। अब कोऑर्डिनेशन कमेटी के मुखिया के रूप में उनकी जिम्मेदारी और बढ़ गई है।
गठबंधन की एकजुटता का संदेश
यह कमेटी सिर्फ रणनीतिक निर्णयों तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि यह गठबंधन की *एकजुटता और मजबूती* का भी प्रतीक बनेगी। विभिन्न विचारधाराओं वाले दलों के बीच समन्वय बना पाना आसान नहीं होता, लेकिन यह कदम यह संकेत देता है कि आगामी चुनाव को लेकर महागठबंधन एकजुट है और निर्णायक भूमिका निभाने को तैयार है।