भारत और उसके पड़ोसी देश के बीच लंबे समय से चल रहे तनाव और संघर्ष के बीच एक बड़ी और सकारात्मक खबर सामने आई है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने आधिकारिक तौर पर युद्ध विराम (सीजफायर) की घोषणा कर दी है। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि आज शाम 5 बजे से यह सीजफायर प्रभावी हो चुका है। यह निर्णय दोनों देशों के लिए शांति और स्थायित्व की दिशा में एक अहम मोड़ साबित हो सकता है।
युद्ध विराम की घोषणा
प्रेस वार्ता के दौरान विदेश सचिव ने बताया कि यह निर्णय दोनों देशों की आपसी सहमति से लिया गया है और इसका उद्देश्य सीमा पर लगातार हो रही झड़पों और जन-धन की हानि को रोकना है। उन्होंने कहा, *"हम आशा करते हैं कि यह सीजफायर ना केवल मौजूदा तनाव को कम करेगा, बल्कि भविष्य के लिए एक स्थायी शांति की नींव भी रखेगा।"*
वार्ता के अगले चरण
विदेश सचिव ने यह भी जानकारी दी कि दोनों देशों के बीच आगे की बातचीत किसी तीसरे देश में आयोजित की जाएगी, जिसकी घोषणा शीघ्र की जाएगी। इस वार्ता का उद्देश्य केवल वर्तमान संघर्ष को समाप्त करना नहीं, बल्कि भविष्य के द्विपक्षीय संबंधों की रूपरेखा तैयार करना भी होगा। यह बातचीत राजनयिक स्तर पर होगी और इसमें सैन्य प्रतिनिधियों की भी भागीदारी संभव है।
जनता और वैश्विक प्रतिक्रिया
सीजफायर की खबर सुनते ही देश में राहत की भावना देखी गई है। आम नागरिकों के साथ-साथ रक्षा विशेषज्ञों ने भी इस निर्णय का स्वागत किया है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने भी इस फैसले की सराहना की है और उम्मीद जताई है कि यह क्षेत्रीय शांति को बढ़ावा देगा।
निष्कर्षत: भारत द्वारा घोषित यह सीजफायर केवल एक अस्थायी समाधान नहीं, बल्कि शांति की ओर एक निर्णायक और दूरदर्शी कदम है। अब सबकी निगाहें आगामी वार्ता पर टिकी हैं, जो भविष्य की रणनीतियों और संबंधों को तय करेगी। यदि यह प्रक्रिया सफल रही, तो यह पूरे उपमहाद्वीप के लिए एक स्थायी शांति और विकास का रास्ता खोल सकती है।