पाकिस्तान में जारी सैन्य संकट के बीच एक शर्मनाक बयान ने वहां की जनता को और भड़का दिया है। रावलपिंडी स्टेडियम में हुए ज़बरदस्त धमाके के बाद जब सारा इलाका दहल गया, तब भी पाकिस्तानी प्रशासन की ज़ुबान पर एक ही बात थी — “ये आसमानी बिजली थी!”
ड्रोन अटैक के दौरान हुए इस धमाके से आस-पास का इलाका दहशत में आ गया। चश्मदीदों का कहना है कि स्टेडियम के पास अचानक जोरदार विस्फोट हुआ, जिससे कई घरों की खिड़कियां तक टूट गईं और अफरा-तफरी मच गई। लेकिन इसके बावजूद पाक मीडिया और सरकारी प्रवक्ता इस बात को “प्राकृतिक आपदा” कहकर टालते रहे।
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें पाकिस्तानी नागरिक खुद अपने ही प्रशासन पर सवाल उठा रहे हैं। वीडियो में गुस्साए लोग कहते नजर आ रहे हैं — "कब तक झूठ बोलते रहोगे? हम सबने धमाका देखा, धमाके की आवाज सुनी... और तुम कहते हो बिजली गिरी?"
ये पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान अपने नागरिकों से सच्चाई छुपाने की कोशिश कर रहा है। इससे पहले भी सीमावर्ती इलाकों में हुए हमलों को 'तकनीकी खराबी' या 'गैस लीक' बताया गया था। लेकिन अब वहां की जनता झूठ की इस बुनियाद पर खड़े प्रशासन से सवाल पूछ रही है।
जनता का आक्रोश
रावलपिंडी से कराची तक, सोशल मीडिया पर 'सच बताओ' ट्रेंड कर रहा है। पाकिस्तानी नागरिक अब पूछ रहे हैं कि कब तक उन्हें बेवकूफ बनाया जाएगा? कब तक सच्चाई से मुंह मोड़कर झूठी कहानियां गढ़ी जाएंगी?
निष्कर्ष
पाकिस्तान में हो रही तबाही को छुपाने की ये कोशिश अब खुद वहां के लोगों को नागवार गुजरने लगी है। बेशर्मी से झूठ बोलना और सच को दबाना अब पाकिस्तान के हुक्मरानों पर भारी पड़ सकता है।