मोतिहारी में एक कैदी की संदिग्ध मौत के बाद हालात बेकाबू हो गए। सदर अस्पताल में इलाज के दौरान कैदी रंजय मांझी की मौत हो गई, जिसके बाद ग्रामीणों व परिजनों ने जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया। आक्रोशित भीड़ ने पहले अस्पताल परिसर में हंगामा किया और फिर सदर अस्पताल चौक को घंटों जाम कर दिया। इस दौरान आम जनजीवन पूरी तरह प्रभावित हो गया और लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
क्या है मामला?
मिली जानकारी के अनुसार, 28 जून को मुफ्फसिल थाना की पुलिस ने बसमानपुर गांव के मुसहरी टोला निवासी रंजय मांझी को दहेज हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद रंजय को मेडिकल जांच के लिए सदर अस्पताल लाया गया, जहां उसकी तबीयत अचानक बिगड़ गई। डॉक्टरों की सलाह पर पुलिस ने उसे मोतिहारी के नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती कराया था। वहीं इलाज के क्रम में आज रंजय की मौत हो गई।
मौत के बाद आक्रोश भड़का
कैदी की मौत की खबर मिलते ही मृतक के परिजन और ग्रामीण बड़ी संख्या में सदर अस्पताल पहुंचे। परिजनों ने अस्पताल प्रशासन और पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। नाराज लोगों ने शव को लेकर अस्पताल चौक जाम कर दिया, जिससे घंटों तक यातायात पूरी तरह बाधित रहा।
पुलिस की तैनाती और जाम समाप्त
स्थिति को बिगड़ता देख कई थाना की पुलिस, महिला बल और प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे। काफी मान-मनौव्वल और न्याय का आश्वासन देने के बाद लोगों को समझाया गया। इसके बाद धीरे-धीरे भीड़ तितर-बितर हुई और जाम समाप्त किया गया। इसके साथ ही शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।
परिजनों का आरोप
मृतक के भाई विजय मांझी और बहन इंदु देवी ने आरोप लगाया कि रंजय को बेवजह प्रताड़ित किया गया और समय पर उचित इलाज नहीं मिला, जिससे उसकी मौत हुई। उनका कहना था कि यह सिर्फ लापरवाही नहीं, बल्कि एक साजिश है, जिसके दोषियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
अस्पताल प्रशासन का पक्ष
इस संबंध में सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. सचिन्द्र नारायण ने बताया कि कैदी को भर्ती के समय ही उसकी हालत गंभीर थी। डॉक्टरों ने तत्काल इलाज शुरू किया और उचित सलाह के बाद उसे नशा मुक्ति केंद्र भेजा गया। मौत के कारणों की पुष्टि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही हो पाएगी।
रंजय मांझी की संदिग्ध मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या यह पुलिस और अस्पताल प्रशासन की लापरवाही का मामला है? या फिर इसकी तह में कुछ और है? फिलहाल, परिजनों को न्याय का भरोसा देकर प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित किया है, लेकिन इस घटना की निष्पक्ष जांच और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग अब जोर पकड़ रही है।