स्वर्गीय शत्रूधन सिंह “गुरु जी” की 26वीं पुण्यतिथि के अवसर पर जंदाहा स्थित उनके आवास पर एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया, जिसमें जंदाहा और वैशाली के विभिन्न क्षेत्रों से बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। सभी ने उनके सामाजिक कार्यों, शिक्षा के प्रसार के लिए किए गए प्रयासों और समाज में चेतना जगाने की दिशा में उनके उल्लेखनीय योगदान को नमन किया।
श्रद्धांजलि सभा में वक्ताओं ने याद किया कि किस तरह गुरु जी ने शिक्षा को जन-जन तक पहुँचाने का संकल्प लिया था। उस समय बिहार में शिक्षा की स्थिति चुनौतीपूर्ण थी, लेकिन गुरु जी के अथक प्रयासों ने हजारों परिवारों के भीतर शिक्षा के प्रति जागरूकता की लौ जलाई। यही कारण था कि समाज ने उन्हें सम्मानपूर्वक “गुरु जी” की उपाधि दी।
स्थानीय लोगों ने यह भी कहा कि उनके नाम पर बना ‘गुरु चौक’ आज भी उनकी स्मृतियों और आदर्शों को जीवित रखे हुए है, जो समाज को निरंतर प्रेरित करता है।
कार्यक्रम में उनके परिवार के सदस्यों ने भावपूर्ण शब्दों में गुरु जी को याद किया। उनके पौत्र चंदन कुमार, जो वर्तमान में अवध कम्प्यूटर स्टडी सेंटर, जंदाहा में कार्यालय प्रभारी हैं, ने कहा कि “गुरु जी का जीवन, उनके आदर्श और शिक्षा देने का मिशन आज भी हम सबके लिए प्रेरणा का स्रोत है। उनके द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।”
सभा के अंत में सभी उपस्थित लोगों ने गुरु जी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर दो मिनट का मौन रखा और उनके व्यक्तित्व व योगदान को नमन किया।
