बिहार की राजनीति में एक नई हलचल पैदा हो गई है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने उन 32 गायकों को नोटिस भेजा है, जिन्होंने हाल के चुनाव से पहले लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव पर केंद्रित व्यंग्यात्मक या नकारात्मक गाने गाए थे। पार्टी ने इन गायकों से जवाब माँगा है कि क्यों न उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए?
RJD का आरोप : जान-बूझकर की गई बदनाम करने की कोशिश
पार्टी के प्रदेश मुख्य प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव के अनुसार, चुनाव से पहले सोशल मीडिया और यूट्यूब पर कई ऐसे गीत अचानक तेजी से वायरल हुए, जिनका उद्देश्य RJD और उसके नेताओं की छवि को नुकसान पहुँचाना था।
उन्होंने कहा—
> “चुनाव के पहले RJD को बदनाम करने के लिए कई गीत जान-बूझकर लांच किए गए। इनमें से अधिकतर गायकों का भाजपा से सीधा संबंध है। इन लोगों ने सुनियोजित तरीके से तेजस्वी यादव की छवि धूमिल करने की कोशिश की।”
क्या है नोटिस में?
RJD ने नोटिस में गायकों से सवाल पूछा है—
आपने पार्टी की छवि को नुकसान पहुँचाने वाला गीत क्यों बनाया?
इसके पीछे किसका दबाव या धनाभाव था?
क्यों न आपके खिलाफ मानहानि और साजिश के तहत कानूनी कार्रवाई की जाए?
गायकों से 48 से 72 घंटे के भीतर जवाब देने को कहा गया है।
डिजिटल प्रचार बन रहा हथियार
बिहार राजनीति में पहले भी गीतों के जरिए प्रचार और प्रहार होते रहे हैं, लेकिन इस बार मामला अधिक गंभीर हुआ क्योंकि
- गाने चुनावी अवधि में अचानक लॉन्च हुए
- कंटेंट में तेजस्वी और लालू पर सीधे व्यक्तिगत टिप्पणियाँ थीं
- बड़ी मात्रा में स्पॉन्सर्ड प्रमोशन किया गया
- गानों से राजनीतिक नैरेटिव बदलने की कोशिश दिखी
RJD का दावा है कि यह “डिजिटल प्रोपेगेंडा” था, जिसे संगठित रूप से प्लान किया गया।
गायकों की प्रतिक्रिया क्या होगी?
अभी तक अधिकांश गायकों की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन संगीत जगत में इस कार्रवाई पर चर्चा शुरू हो गई है। कुछ लोग इसे “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता” पर प्रहार बता रहे हैं, जबकि RJD समर्थक इसे “मानहानि रोकने की जरूरी कार्रवाई” मान रहे हैं।
आगे क्या?
यदि गायक संतोषजनक जवाब नहीं देते, तो RJD कानूनी कार्रवाई कर सकती है।
यह मामला फिलहाल डिजिटल प्लेटफॉर्म से लेकर राजनीतिक हलकों तक चर्चा में है।
चुनाव के बाद बनी राजनीतिक परिस्थितियों में यह मुद्दा और तूल पकड़ सकता है।
