बिहार में प्रतियोगी परीक्षाओं की होड़ एक बार फिर सुर्खियों में है। शिक्षा विभाग द्वारा पहली बार निकाली गई AEDO (Assistant Education Development Officer) की भर्ती ने ऐसा रिकॉर्ड बनाया है, जो अब तक BPSC की किसी भी परीक्षा में नहीं देखा गया।
🔶 935 पद, लेकिन उम्मीदवार 9 लाख 80 हजार!
शिक्षा विभाग ने इस साल पहली बार 935 पदों के लिए AEDO भर्ती निकाली। लेकिन जैसे ही आवेदन की प्रक्रिया शुरू हुई, यह सामान्य भर्ती एक रिकॉर्ड ब्रेकर में बदल गई।
सूत्रों के मुताबिक, कुल 9,80,000 उम्मीदवारों ने आवेदन किया है — यानी हर एक पद पर औसतन 1050 दावेदार!
यह संख्या BPSC की किसी भी पूर्व परीक्षा में सबसे अधिक है, जो बिहार में सरकारी नौकरी की लोकप्रियता और प्रतियोगिता दोनों को दिखाती है।
🔶 प्रतियोगिता इतनी ज़्यादा क्यों?
ऐसा माना जा रहा है कि—
पद पहली बार निकले हैं, इसलिए अवसर बड़ा है।
शिक्षा विभाग में यह पद प्रतिष्ठित माना जा रहा।
स्थिर नौकरी और बेहतर कैरियर प्रगति की संभावना ने युवाओं को आकर्षित किया।
बेरोज़गारी दर अधिक होने की वजह से प्रतियोगी परीक्षाओं में भीड़ लगातार बढ़ रही है।
🔶 परीक्षा जनवरी 2026 में
आवेदन प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब परीक्षा जनवरी 2026 में आयोजित होने की घोषणा की गई है। लाखों उम्मीदवारों के बीच सख्त प्रतिस्पर्धा को देखते हुए विशेषज्ञों का मानना है कि इस परीक्षा में चयन किसी युद्ध जितना कठिन होगा।
🔶 बिहार में प्रतियोगी परीक्षाओं की स्थिति
बिहार हमेशा से प्रतियोगी परीक्षाओं का गढ़ रहा है। लेकिन AEDO भर्ती ने जो रिकॉर्ड बनाया है, वह बताता है कि—
युवाओं में सरकारी नौकरी की चाह पहले से ज्यादा बढ़ चुकी है।
तैयारी और रणनीति के बिना अब सफलता मुश्किल है।
बड़ी भीड़ में से चयनित होने के लिए परीक्षार्थियों को बेहद मजबूत कमांड की जरूरत होगी।
AEDO भर्ती सिर्फ एक परीक्षा नहीं, बल्कि बिहार की युवाशक्ति, उनकी उम्मीदों और सरकारी नौकरी के क्रेज़ का प्रतिबिंब है। जनवरी 2026 होने वाली यह परीक्षा राज्य के इतिहास की सबसे प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में से एक मानी जा रही है।
