बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को मिली भारी जीत पर विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के प्रमुख मुकेश सहनी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। महागठबंधन का हिस्सा रहीं उनकी पार्टी को निराशाजनक प्रदर्शन का सामना करना पड़ा है। सहनी ने जहां एक ओर जनादेश को स्वीकार करते हुए NDA को बधाई दी, वहीं उन्होंने इस जीत का सबसे बड़ा कारण भी उजागर किया।
जीत का एक सूत्रीय कारण : 'माताओं-बहनों' का समर्थन
मुकेश सहनी ने अपने बयान में स्पष्ट रूप से बताया कि NDA की इस "बड़ी जीत" के पीछे किसका हाथ है।
उनके अनुसार -
> "माताओं-बहनों का वोट NDA के पक्ष में गया है। जिसके कारण NDA की इतनी बड़ी जीत हो रही है।"
> सहनी ने सीधे तौर पर महिला मतदाताओं को NDA के प्रचंड बहुमत का श्रेय दिया है।
* राजनीतिक पूंजी : राजनीतिक विश्लेषकों का भी मानना है कि महिला वोट बैंक पिछले डेढ़ दशक से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सबसे मजबूत राजनीतिक पूंजी रहा है।
* लाभार्थी मॉडल : शराबबंदी, जीविका दीदी समूह, साइकिल योजना, और पंचायती राज में 50% आरक्षण जैसी लाभार्थी-केंद्रित योजनाओं ने महिलाओं को NDA के पक्ष में गोलबंद करने में निर्णायक भूमिका निभाई है।
जनादेश स्वीकार, हार पर मंथन का वादा
मुकेश सहनी ने जनादेश के प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए अपनी पार्टी की हार को स्वीकार किया है।
> "हम इस जनादेश को स्वीकार करते हैं। जो (NDA) जीते हैं, उन्हें मैं बधाई देता हूं... मैं जनादेश का सम्मान करते हुए हार स्वीकार करता हूं।"
अपनी विफलता के कारणों पर उन्होंने भविष्य में मंथन करने की बात कही है -
> "हम मंथन करेंगे कि विफल होने का क्या कारण है?"
सहनी की पार्टी, जो इस चुनाव में महागठबंधन के तहत 15 सीटों पर चुनाव लड़ी थी, को उम्मीद के मुताबिक सफलता नहीं मिल पाई। सहनी के इस बयान से यह स्पष्ट है कि बिहार की राजनीति में अब जातिगत समीकरणों से ज़्यादा 'लाभार्थी वर्ग' और विशेषकर महिला वोट की भूमिका बढ़ती जा रही है।
