नई दिल्ली | भारत के 21 वर्षीय ग्रैंडमास्टर अर्जुन एरिगैसी ने शतरंज की दुनिया में एक नया इतिहास रचते हुए लाइव रेटिंग में दुनिया के दूसरे नंबर के खिलाड़ी बनने का गौरव प्राप्त किया है। यह उपलब्धि उन्हें चेन्नई ग्रैंडमास्टर्स टूर्नामेंट के तीसरे राउंड में ऐलेक्सी सराना को हराकर मिली, और अब उनकी रेटिंग 2805.8 पॉइंट्स तक पहुंच चुकी है।
अर्जुन का असाधारण सफर
अर्जुन एरिगैसी का शतरंज के मैदान पर अब तक का सफर कई शानदार उपलब्धियों से भरा हुआ है। महज 21 वर्ष की आयु में वह पहले ही अपने समकक्ष खिलाड़ियों के बीच एक महत्वपूर्ण स्थान बना चुके हैं। 2800 रेटिंग अंक पार करने का वह एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, और अब वह लाइव रेटिंग में दुनिया के दूसरे सबसे मजबूत शतरंज खिलाड़ी बन गए हैं।
उनके द्वारा जीती गई हाल की प्रतियोगिताएं, विशेष रूप से चेन्नई ग्रैंडमास्टर्स टूर्नामेंट में उनकी शानदार जीत, इस सफलता के पीछे की मुख्य वजह बनी हैं। इस टूर्नामेंट के तीसरे राउंड में ऐलेक्सी सराना को हराने के बाद अर्जुन ने दुनिया भर में अपने कौशल का लोहा मनवाया। उनकी खेलने की शैली, उनके खेल में उत्कृष्टता और रणनीति ने उन्हें शतरंज जगत में एक नई पहचान दिलाई है।
लाइव रेटिंग की रेस
अर्जुन एरिगैसी के 2805.8 रेटिंग अंक के साथ अब वह लाइव रेटिंग में दुनिया के दूसरे नंबर के खिलाड़ी बन गए हैं। शीर्ष पर नॉर्वे के शतरंज के महारथी, मैग्नस कार्लसन हैं, जिनकी रेटिंग 2831.0 पॉइंट्स है। कार्लसन का नाम शतरंज की दुनिया में किसी परिचय का मोहताज नहीं है, लेकिन अर्जुन एरिगैसी के लिए उनकी नज़दीकी चुनौती भविष्य में और भी दिलचस्प मुकाबलों का संकेत देती है।
भारत की शतरंज परंपरा में नया अध्याय
अर्जुन की इस सफलता ने भारतीय शतरंज की परंपरा को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाया है। भारत, जो पहले से ही विश्व शतरंज में अपनी एक मजबूत पहचान बना चुका है, अब और भी मजबूत हो गया है। उन्हें यह उपलब्धि भारतीय शतरंज के पितामह विश्वनाथन आनंद से प्रेरित होने के साथ-साथ अपनी मेहनत, समर्पण और धैर्य के चलते मिली है।
भारत के अन्य युवा शतरंज खिलाड़ी भी अर्जुन के इस रिकॉर्ड से प्रेरित होंगे, और भविष्य में शतरंज के मैदान में और भी भारतीय खिलाड़ियों का दबदबा देखने को मिल सकता है।
आने वाला भविष्य
अर्जुन एरिगैसी की यह सफलता न केवल उनकी व्यक्तिगत मेहनत का परिणाम है, बल्कि शतरंज के खेल में भारत के बढ़ते प्रभाव का भी संकेत है। उनकी इस उपलब्धि के बाद, भारतीय शतरंज को वैश्विक स्तर पर और भी मान्यता मिल सकती है, और आने वाले वर्षों में अर्जुन शतरंज के और भी बड़े टूर्नामेंट्स में जीत हासिल कर सकते हैं।
अब देखना यह होगा कि क्या अर्जुन एरिगैसी अपनी इस शानदार रेटिंग को और ऊपर ले जा पाते हैं और क्या वह मैग्नस कार्लसन को पछाड़कर दुनिया के नंबर एक शतरंज खिलाड़ी बन सकते हैं।
अर्जुन एरिगैसी ने साबित कर दिया है कि उम्र केवल एक संख्या होती है, और शतरंज के खेल में सफलता की कोई सीमा नहीं होती। उनकी यह सफलता न केवल शतरंज की दुनिया के लिए, बल्कि भारत के खेल जगत के लिए भी गर्व की बात है।