प्रयागराज | उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) के कार्यालय के बाहर सोमवार को हजारों की संख्या में अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन UPPSC द्वारा आयोजित परीक्षा की विभिन्न प्रक्रियाओं के खिलाफ था, जिसमें एक ही दिन में PCS प्री और RP/ARO की परीक्षा कराने और नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया को निरस्त करने की मांग की जा रही थी। इस प्रदर्शन में न केवल उत्तर प्रदेश, बल्कि अन्य राज्यों के अभ्यर्थी भी शामिल हुए, जिनमें बिहार, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और अन्य स्थानों के उम्मीदवार शामिल थे।
प्रदर्शन की मुख्य वजहें :
1. एक ही दिन, एक ही शिफ्ट में दोनों परीक्षाएं :
अभ्यर्थियों का कहना है कि UPPSC ने PCS प्री और RP/ARO की परीक्षा एक ही दिन और एक ही शिफ्ट में आयोजित करने का निर्णय लिया है, जिससे उम्मीदवारों को दोनों परीक्षाओं में बैठने में कठिनाई हो रही है। इससे उनके प्रदर्शन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, क्योंकि दोनों परीक्षाओं के पैटर्न और कठिनाई स्तर में भिन्नताएं हो सकती हैं।
2. नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया पर सवाल :
अभ्यर्थियों का आरोप है कि UPPSC द्वारा अपनाई गई नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया (जो परीक्षा के अंक समान बनाने के लिए होती है) पूरी तरह से असमान और अनुचित है। उनका कहना है कि यह प्रक्रिया उनकी मेहनत का सही मूल्यांकन नहीं करती और कई बार परीक्षा के वास्तविक परिणाम को प्रभावित करती है।
पुलिस से झड़प
प्रदर्शन के दौरान स्थिति कुछ तनावपूर्ण हो गई और अभ्यर्थियों की पुलिस से नोंकझोक भी हुई। अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हें शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने से रोका और जब वे प्रदर्शन स्थल पर जुटे रहे, तो पुलिस ने उन्हें हटाने के लिए बल प्रयोग किया। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच तीखी बहस हुई, लेकिन किसी बड़े विवाद या हिंसा की सूचना नहीं मिली।
UPPSC की प्रतिक्रिया
हालांकि आयोग की तरफ से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार आयोग के अधिकारियों ने अभ्यर्थियों की शिकायतों को गंभीरता से लिया है और जल्द ही इन मुद्दों पर विचार करने का आश्वासन दिया है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि UPPSC परीक्षा प्रक्रिया में सुधार की दिशा में कदम उठा सकता है, ताकि भविष्य में ऐसी समस्याओं का समाधान हो सके।
प्रदर्शन का असर
इस प्रदर्शन के कारण प्रयागराज में स्थिति असामान्य रही और बड़ी संख्या में यातायात प्रभावित हुआ। UPPSC कार्यालय के पास कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी और पुलिस बल तैनात किया गया था, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे तब तक विरोध जारी रखेंगे, जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं।
अभ्यर्थियों की भावनाएँ
अभ्यर्थियों ने कहा कि उनकी मेहनत का सही मूल्यांकन नहीं हो रहा है और यदि परीक्षा की प्रक्रिया में सुधार नहीं किया जाता, तो वे और बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करने के लिए बाध्य होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि आयोग को उम्मीदवारों के हितों की रक्षा करनी चाहिए, ताकि किसी भी असुविधा का सामना न करना पड़े।
UPPSC परीक्षा को लेकर यह प्रदर्शन यूपी में एक बड़े आंदोलन का रूप ले सकता है, यदि आयोग अभ्यर्थियों की उचित मांगों पर गौर नहीं करता। इस समय परीक्षाओं में पारदर्शिता और निष्पक्षता की जरूरत है, ताकि उम्मीदवारों का संघर्ष बेकार न जाए। यह मामला न केवल उत्तर प्रदेश, बल्कि पूरे देश में लोक सेवा आयोगों की परीक्षा प्रक्रियाओं के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश लेकर आया है।