बिहार में औषधि व्यवसाय से जुड़े लोगों के लिए एक बड़ी राहत की खबर है। अब ड्रग लाइसेंस प्राप्त करना पहले की तुलना में कहीं ज्यादा आसान और तेज़ हो गया है। राज्य सरकार ने वन नेशन, वन ड्रग लाइसेंसिंग सिस्टम को लागू कर दिया है, जिससे दवा लाइसेंस की प्रक्रिया को पारदर्शी, प्रभावी और समयबद्ध बनाया जा रहा है।
क्या है नया नियम?
नई व्यवस्था के तहत अब दवा व्यापार के लिए लाइसेंस लेने के इच्छुक आवेदकों को पूरी प्रक्रिया **ऑनलाइन** करनी होगी। यह प्रणाली देशभर में लागू की जा रही है, ताकि सभी राज्यों में समान नियमों के तहत काम हो सके और भ्रष्टाचार की संभावना को खत्म किया जा सके।
चार चरणों में पूरी होगी प्रक्रिया
ऑनलाइन आवेदन की यह प्रक्रिया कुल चार चरणों में पूरी होगी -
1. ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन और दस्तावेज़ अपलोडिंग
2. दस्तावेज़ों का सत्यापन और निरीक्षण की प्रक्रिया
3. फीडबैक या सुधार की मांग (यदि आवश्यक हो)
4. लाइसेंस का अनुमोदन और डिजिटल सर्टिफिकेट जारी करना
30 दिन की समय-सीमा
नए नियमों के अनुसार, अगर सभी दस्तावेज़ सही पाए जाते हैं और प्रक्रिया में कोई अड़चन नहीं आती, तो **30 दिनों के भीतर ड्रग लाइसेंस जारी कर दिया जाएगा**। यह समयबद्धता पहले की तुलना में बहुत बेहतर है, जब प्रक्रिया में महीनों लग जाते थे।
आवेदन में त्रुटि पर होगा रद्द
अगर किसी आवेदन में गंभीर गड़बड़ी या जानकारी में त्रुटि पाई जाती है, तो आवेदन को रद्द कर दिया जाएगा। इसलिए आवेदकों को निर्देशित किया गया है कि वे सभी दस्तावेज़ सावधानीपूर्वक और सही तरीके से अपलोड करें।
क्या होगा इसका लाभ?
- व्यापारियों को समय पर लाइसेंस मिलने से कारोबार में आसानी होगी।
- पारदर्शिता बढ़ेगी और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा।
- दवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने में विभाग को मदद मिलेगी।
- पूरे राज्य में दवा व्यापार के लिए समान मानक बन सकेंगे।
निष्कर्ष
बिहार सरकार की यह पहल राज्य में औषधि नियंत्रण प्रणाली को अधिक आधुनिक और प्रभावशाली बनाने की दिशा में एक अहम कदम है। इससे न केवल व्यापारियों को लाभ होगा बल्कि आम लोगों को भी गुणवत्तापूर्ण दवाएं उपलब्ध कराने में सहायता मिलेगी।