सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता सुधारने की दिशा में शिक्षा विभाग ने एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अतिरिक्त मुख्य सचिव (ACS) एस. सिद्धार्थ द्वारा लिए गए ताज़ा फैसले के तहत अब कक्षा 2 से 8 तक के विद्यार्थियों की **रीडिंग स्किल्स** यानी पढ़ने की क्षमता का विशेष मूल्यांकन किया जाएगा।
यह परीक्षा 28 से 30 अप्रैल के बीच सभी सरकारी स्कूलों में कराई जाएगी। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि बच्चों को आने वाली कक्षा के लिए तैयार किया जा सके। परीक्षा में मिले अंकों के आधार पर छात्रों की सीखने की प्रक्रिया को नया स्वरूप दिया जाएगा और उनकी **शैक्षणिक ज़रूरतों** के अनुसार उन्हें पढ़ाया जाएगा।
ACS सिद्धार्थ का मानना है कि जब तक बच्चों की बुनियादी समझ मजबूत नहीं होगी, तब तक उच्च शिक्षा में भी बेहतर प्रदर्शन संभव नहीं है। यही कारण है कि रीडिंग स्किल्स पर फोकस करते हुए इस परीक्षा की योजना बनाई गई है। यह पहल न केवल छात्रों की वर्तमान स्थिति को समझने में मदद करेगी, बल्कि उन्हें मजबूत नींव देने में भी सहायक होगी।
शिक्षा विभाग का यह कदम निश्चय ही सरकारी स्कूलों में **शिक्षा की गुणवत्ता** को एक नई दिशा देगा और बच्चों के समग्र विकास में मील का पत्थर साबित हो सकता है।