बिहार में पिछले कुछ दिनों से जारी आंधी और बारिश का सिलसिला अब थम गया है। इसके साथ ही प्रदेश में गर्मी ने रफ्तार पकड़ ली है। मौसम विभाग की मानें तो राज्य के अधिकांश हिस्सों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस को पार कर चुका है और अगले कुछ दिनों में इसमें 4 से 6 डिग्री तक की और बढ़ोतरी हो सकती है। इस बढ़ती गर्मी ने आमजन के साथ-साथ शिक्षकों और विद्यार्थियों के लिए भी चिंता बढ़ा दी है।
गर्मी के कारण दोपहर में हाल बेहाल
गर्मी का सबसे अधिक असर दोपहर के समय देखने को मिल रहा है। 12 बजे से 4 बजे के बीच लू जैसे हालात बन रहे हैं, जिससे बाहर निकलना जोखिम भरा हो गया है। मौसम विभाग ने साफ चेतावनी दी है कि खासकर दोपहर में घर से निकलने से परहेज करें।
शिक्षकों और विद्यार्थियों के सामने चुनौती
राज्य के विभिन्न स्कूलों में सुबह से लेकर दोपहर तक की शिफ्ट में शिक्षण कार्य जारी है। ऐसे में तेज गर्मी और लू में शिक्षकों को स्कूल आना और बच्चों को पढ़ाना एक बड़ी चुनौती बन गई है। स्कूलों में कूलिंग सिस्टम या पर्याप्त छायादार व्यवस्था नहीं होने से कक्षाओं में भीषण गर्मी का सामना करना पड़ता है।
शिक्षकों की मांग : बदले जाए स्कूलों के समय
बिहार के कई जिलों के शिक्षक संगठनों ने राज्य सरकार से मांग की है कि जब तक गर्मी का प्रकोप जारी है, स्कूलों के समय में परिवर्तन किया जाए। सुबह जल्दी स्कूल खोलने और दोपहर से पहले छुट्टी करने का सुझाव दिया गया है, जिससे छात्र और शिक्षक दोनों गर्मी से सुरक्षित रह सकें।
सरकार की तैयारी और संभावित फैसला
राज्य शिक्षा विभाग और आपदा प्रबंधन प्राधिकरण मिलकर हालात का मूल्यांकन कर रहे हैं। यदि तापमान में लगातार वृद्धि होती रही, तो स्कूलों की समय-सारणी में बदलाव या छुट्टी की घोषणा की जा सकती है।
सुझाव और सावधानियां
- शिक्षक और विद्यार्थी हल्के सूती कपड़े पहनें
- पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहें
- जरूरी न हो तो दोपहर में बाहर निकलने से बचें
- स्कूलों में ORS, नींबू पानी या ठंडे पेय की व्यवस्था हो
गर्मी की इस मार में शिक्षकों का धैर्य और सेवा भावना काबिले तारीफ है। लेकिन राज्य सरकार को भी चाहिए कि वे शिक्षकों और छात्रों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाए, ताकि शिक्षा व्यवस्था प्रभावित न हो और स्वास्थ्य भी सुरक्षित रह सके।