बिहार राज्य के वैशाली जिले में कृषि क्षेत्र में एक नई पहल की गई है, जो आने वाले समय में जिले की कृषि पद्धति को पूरी तरह बदल सकती है। जिला कृषि कार्यालय, वैशाली द्वारा जारी प्रेस नोट के अनुसार जिले के 10 पंचायतों में 500 हेक्टेयर भूमि पर किसानों द्वारा प्राकृतिक खेती की जाएगी। यह योजना जीविक कॉरिडोर योजना के अंतर्गत संचालित की जा रही है, जिसका उद्देश्य देशी, देसी बीज, बहुफसली, जलवायु अनुकूल एवं मानव स्वास्थ्य के लिए हितकारी कृषि मॉडल को अपनाना है।
यह पहल जलवायु परिवर्तन एवं मानवीय स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए अनुकरणीय कृषि पद्धति के रूप में शुरू की जा रही है। जिले के 1250 किसान इस योजना से जुड़ेंगे और प्राकृतिक खेती को अपनाएंगे। इसके लिए प्रत्येक पंचायत से 50 हेक्टेयर भूमि चयनित की गई है। 10 पंचायतों में मुशरी, साहुलपुरलखौली, धोबौली, टेसरदस, घेघरू, नावानगर, शीतलपुर, कमालपुर, रघुनाथपुर, कन्हौली, रजौली एवं बभनगांव शामिल हैं।
प्रत्येक पंचायत में एक-एक क्लस्टर (समूह) का गठन किया गया है। हर क्लस्टर में 125 किसानों को शामिल किया गया है, जिससे सामूहिक रूप से 500 हेक्टेयर भूमि पर प्राकृतिक खेती हो सके। इस खेती में गोबर, गौमूत्र, नीम, देसी बीज और अन्य जैविक सामग्री का उपयोग किया जाएगा। मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने, जल व वायु प्रदूषण को कम करने और पशुधन व मानव स्वास्थ्य को लाभ पहुँचाने की दिशा में यह योजना एक सकारात्मक प्रयास है।
प्रत्येक क्लस्टर पर एक बायो इनपुट रिसोर्स सेंटर (BRC) की स्थापना की जाएगी, जो किसानों को तकनीकी मार्गदर्शन एवं संसाधन उपलब्ध कराएगा। योजना के अंतर्गत डीबीटी के माध्यम से प्रति हेक्टेयर ₹4,000 की आर्थिक सहायता दी जाएगी, जिससे किसानों का प्रोत्साहन बढ़ेगा।
इस योजना की एक और खास बात यह है कि किसानों द्वारा तैयार की गई जैविक खाद, बीजामृत, जीवामृत, पंचगव्य, नीमास्त्र, ब्रह्मास्त्र आदि उत्पादों को अन्य किसानों तक पहुँचाया जाएगा। 20 जीवनदीप दीदियों को “प्राकृतिक खेती सखी” के रूप में प्रशिक्षण दिया जाएगा, जो मास्टर ट्रेनर बनकर गांवों में किसानों को प्रशिक्षित करेंगी।
निष्कर्षतः, वैशाली जिले की यह पहल केवल कृषि क्षेत्र में नवाचार ही नहीं, बल्कि एक समग्र सामाजिक व पर्यावरणीय बदलाव की दिशा में ठोस कदम है। यह योजना न केवल किसानों की आमदनी बढ़ाएगी, बल्कि टिकाऊ कृषि को भी बढ़ावा देगी और अगली पीढ़ी के लिए एक स्वस्थ और हरित भविष्य सुनिश्चित करेगी।