पटना से एक चौंकाने वाली राजनीतिक खबर सामने आई है, जहां भारतीय जनता पार्टी (BJP) की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक के दौरान वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे को मंच पर वह सम्मान नहीं मिला, जिसकी उम्मीद एक वरिष्ठ नेता को होती है। यह घटनाक्रम न केवल राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है, बल्कि सोशल मीडिया पर भी तेजी से वायरल हो रहा है।
मामला कुछ यूं है कि रविवार को पटना में BJP की एक अहम बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें प्रदेश स्तर के तमाम बड़े नेता, विधायक और संगठन के पदाधिकारी मौजूद थे। जैसे ही अश्विनी चौबे मंच पर पहुंचे, वह इधर-उधर अपनी सीट तलाशने लगे, लेकिन हैरानी की बात यह रही कि मंच पर मौजूद किसी भी कुर्सी पर उनका नाम नहीं लिखा था। कुछ देर तक वे कुर्सियों के इर्द-गिर्द घूमते रहे, लेकिन जब उन्हें कोई स्थान नहीं मिला, तो वे मंच से उतरकर कार्यक्रम स्थल से बाहर चले गए।
इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो किसी ने मोबाइल में रिकॉर्ड कर लिया और सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया। देखते ही देखते यह वीडियो वायरल हो गया और लोग इसपर तरह-तरह की प्रतिक्रिया देने लगे। कई लोग इसे भाजपा में बढ़ती गुटबाजी से जोड़ रहे हैं, तो कुछ इसे वरिष्ठ नेताओं की उपेक्षा करार दे रहे हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह घटना न केवल अश्विनी चौबे जैसे वरिष्ठ नेता के सम्मान को ठेस पहुंचाने वाली है, बल्कि पार्टी के अंदरूनी समीकरणों और असंतोष की झलक भी दिखाती है। हालांकि अभी तक BJP की ओर से इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
यह घटना ऐसे समय में हुई है जब पार्टी बिहार में अपने संगठन को मजबूत करने और 2025 विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी है। ऐसे में इस प्रकार की चूक, चाहे वह जानबूझकर हुई हो या अनजाने में, पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा सकती है।
अब देखना यह होगा कि BJP इस मामले को किस तरह से संभालती है और क्या अश्विनी चौबे इस पर कोई सार्वजनिक प्रतिक्रिया देते हैं या नहीं। फिलहाल इस घटना ने पार्टी की अंदरूनी राजनीति को एक बार फिर सुर्खियों में ला दिया है।