देशभर के कई जिलों में SIR (Special Summary Revision) प्रक्रिया जारी है। मतदाता सूची में संशोधन, नाम जोड़ने-हटाने, और सुधार से जुड़ी गतिविधियाँ पूरे जोरों पर चल रही हैं। इसी बीच साइबर ठगों ने लोगों को निशाना बनाने का नया तरीका ढूंढ लिया है। SIR और Voter List Update के नाम पर लगातार धोखाधड़ी के मामले सामने आ रहे हैं।
🔴 कैसे हो रही है ठगी?
साइबर अपराधी खुद को सत्यापन टीम का सदस्य, ब्लॉक ऑफिस कर्मचारी, या इलेक्शन विभाग अधिकारी बताकर लोगों को फोन कर रहे हैं। उनका तरीका लगभग एक जैसा है—
✔ 1. कॉल कर कहते हैं — आपका SIR फॉर्म अपडेट हो गया है
उनका दावा होता है कि आपका मतदाता विवरण संशोधित कर दिया गया है, अब इसकी पुष्टि आवश्यक है।
✔ 2. आपके मोबाइल पर OTP भेजने की बात
ठग कहते हैं—
“मतदाता सूची अपडेट की पुष्टि के लिए एक OTP भेजा है, कृपया तुरंत बताएं।”
✔ 3. OTP साझा करते ही खाते से उड़ जाती रकम
जैसे ही व्यक्ति यह OTP साझा करता है, ठग उसके
बैंक खाते, वॉलेट या UPI ऐप्स से पूरा पैसा निकाल लेते हैं।
यह सब कई सेकेंड में हो जाता है।
🚨 यह OTP वास्तव में किस लिए होता है?
यह OTP वास्तव में बैंकिंग लॉगिन, UPI एक्टिवेशन या फिशिंग लिंक/फर्जी ऐप की अनुमति के लिए होता है।
आपके द्वारा दिया गया OTP उन्हें आपके बैंक/UPI पर पूरा नियंत्रण दे देता है।
⚠ मतदाता सूची अपडेट प्रक्रिया में OTP नहीं लिया जाता
Election Commission of India (ECI) और जिला चुनाव कार्यालय स्पष्ट कहते हैं—
❗ मतदाता सूची अपडेट या SIR प्रक्रिया में
कभी भी फोन पर OTP नहीं पूछा जाता।
सभी सुधार NVSP पोर्टल, वोटर हेल्पलाइन ऐप या ब्लॉक/बीएलओ के माध्यम से ही वैध रूप से किए जाते हैं।
🟡 खुद को ऐसे बचाएं
किसी भी व्यक्ति को OTP कभी न बताएं।
SIR, BLO, या Election Office के नाम पर कॉल आए तो उनकी आईडी की पुष्टि करें।
अनजान लिंक/ऐप डाउनलोड न करें।
अपने बैंक/UPI अकाउंट में दोस्तरीय सुरक्षा (2FA) चालू रखें।
संदिग्ध कॉल की तुरंत शिकायत करें:
1930 (Cyber Helpline)
SIR प्रक्रिया चलने का लाभ उठाकर साइबर ठग आम लोगों को फँसाने की कोशिश कर रहे हैं।
लोगों को जागरूक रहना होगा कि मतदाता सूची सुधार में OTP साझा करना अनिवार्य नहीं, बल्कि खतरनाक है।
सावधानी ही सबसे बड़ा बचाव है।
