चिराग ने एससी-एसटी की जातियों में उपवर्गीकरण, वक्फ संशोधन विधेयक, लेटरल एंट्री से केंद्रीय सचिवालय में भर्तियों के खिलाफ आवाज बुलंद करने के बाद अब जाति जनगणना के पक्ष में बैटिंग करने लगे हैं। यूं तो उन्होंने वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध नहीं किया है, लेकिन संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेजने की मांग करने वाले मोदी सरकार के अकेले मंत्री जरूर हैं।
जिस तरह वक्फ विधेयक को जेपीसी में भेजने की मांग विपक्ष की थी, उसी तरह एससी-एसटी में उपवर्गीकरण और लेटर एंट्री से भर्तियों का विरोध भी विपक्ष ने ही किया। इन सबके अगुआ खासकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी हैं। चिराग ने इन सभी मुद्दों पर राहुल की लाइन ही ली है। अब जब राहुल ने सीधे-सीधे पीएम मोदी को चुनौती देकर कहा है कि वो देशव्यापी जाति जनगणना करवाकर रहेंगे तो चिराग ने यहां भी सुर में सुर मिला दिया है।
जानकार मानते हैं कि उनका दावा बिल्कुल सही हो सकता है, लेकिन जब एक के बाद एक लगातार सभी मुद्दों पर अगर सत्ताधारी घटक दल का स्टैंड विपक्ष की रणनीति में फिट हो जाए तो सवाल तो उठेंगे। सवाल वही कि चिराग किधर से खेल रहे हैं और किसके खिलाफ?