पटना | बिहार में अब सभी स्कूली बच्चों के लिए आधार कार्ड बनवाना अनिवार्य कर दिया गया है। शिक्षा विभाग ने इस संबंध में एक महत्वपूर्ण निर्देश जारी किया है, जिसके अनुसार नवंबर और दिसंबर तक सभी बच्चों के आधार कार्ड बनाए जाएंगे। यह कदम बच्चों के पहचान प्रमाण के रूप में आधार कार्ड की उपयोगिता को बढ़ाने और सरकारी योजनाओं के लाभ को सीधे बच्चों तक पहुंचाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
आधार कार्ड से जुड़ी नई व्यवस्था
बिहार के शिक्षा विभाग ने स्पष्ट रूप से आदेश जारी किया है कि स्कूल में प्रवेश लेने वाले सभी बच्चों के लिए आधार कार्ड और जन्म प्रमाण पत्र अनिवार्य होंगे। इसके साथ ही जिलाधिकारियों को यह निर्देश भी दिए गए हैं कि जिन बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र अभी तक नहीं बना है, उनके लिए प्रक्रिया को तेज किया जाए। यह कदम प्रशासन की ओर से बच्चों की सही पहचान सुनिश्चित करने और प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता लाने के लिए उठाया गया है।
आधार कार्ड और जन्म प्रमाण पत्र की अहमियत
आधार कार्ड एक मजबूत पहचान दस्तावेज है, जिसे सरकार की कई योजनाओं का लाभ लेने के लिए जरूरी समझा गया है। इसके अलावा, जन्म प्रमाण पत्र बच्चों की जन्मतिथि और राष्ट्रीयता को प्रमाणित करने वाला एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है। जब बच्चों के पास इन दोनों दस्तावेजों का सही रिकॉर्ड होगा, तो उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे मिल सकेगा और विभिन्न प्रकार की शैक्षिक, स्वास्थ्य और अन्य सामाजिक कल्याण योजनाओं में पारदर्शिता बनी रहेगी।
जिलाधिकारियों का अहम रोल
इस नए निर्देश के बाद जिलाधिकारियों की जिम्मेदारी बढ़ गई है, क्योंकि उन्हें यह सुनिश्चित करना है कि जिन बच्चों के पास आधार कार्ड नहीं हैं, उनके लिए प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा किया जाए। इसके अलावा, जन्म प्रमाण पत्र के निर्माण में भी तेजी लानी होगी ताकि किसी भी बच्चे को किसी भी सरकारी लाभ से वंचित न रखा जाए। जिलाधिकारियों को इस प्रक्रिया की निगरानी करने के लिए नियमित तौर पर रिपोर्ट तैयार करने की भी जिम्मेदारी दी गई है।
भविष्य में क्या बदलाव आ सकते हैं?
इस कदम के बाद, बिहार राज्य में शिक्षा और सरकारी सेवाओं की पारदर्शिता और प्रभावशीलता में सुधार होने की उम्मीद है। इसके साथ ही, जब सभी बच्चों का आधार कार्ड और जन्म प्रमाण पत्र एकत्रित होंगे, तो सरकार को राज्य की शिक्षा व्यवस्था के बारे में सटीक आंकड़े और डेटा मिलेंगे, जो भविष्य में योजनाओं के विकास में सहायक होंगे।
आधार कार्ड के साथ जन्म प्रमाण पत्र की अनिवार्यता से न केवल बच्चों की पहचान सही तरीके से की जा सकेगी, बल्कि सरकारी योजनाओं का लाभ भी सही व्यक्ति तक पहुंचेगा। इस कदम से राज्य सरकार की ओर से बच्चों के कल्याण में एक महत्वपूर्ण पहल की जा रही है, जिससे शिक्षा के क्षेत्र में सुधार की उम्मीद जगी है।