पटना नगर निगम कर्मचारियों का सशक्त संघर्ष ; "शोषण नहीं सहेंगे" का उद्घोष

Prashant Prakash
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पटना | नगर निगम कर्मचारी संयुक्त समन्वय समिति द्वारा आज बांकीपुर अंचल कार्यालय में एक अहम आमसभा का आयोजन किया गया। इस सभा के बाद, समन्वय समिति के प्रतिनिधियों और कार्यपालक पदाधिकारी के बीच मासिक बैठक हुई, जिसमें कर्मचारियों के विभिन्न मुद्दों पर गंभीर चर्चा हुई। 

सभा की अध्यक्षता करते हुए कार्यकारी अध्यक्ष रामायत्न प्रसाद ने निगम कर्मचारियों की एकता को सशक्त बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "पिछले वर्ष का संघर्ष और हड़ताल निगम प्रशासन और राज्य सरकार के लिए एक चेतावनी साबित हुई थी। हमारी एकता ने उन्हें झुकने पर मजबूर किया। अब हमें उसी एकता के साथ और भी मजबूती से आगे बढ़ना होगा।" 

समिति के संयोजक मँगल पासवान ने सभा के दौरान राज्य सरकार से वेतन अंतर्राशि के भुगतान में लगाई गई रोक को लेकर कड़ा विरोध जताया। उन्होंने यह मांग की कि राज्य सरकार द्वारा एसीपी (एसीपी) पर लगी रोक को तत्काल हटाया जाए, ताकि कर्मचारियों का हक समय पर मिल सके। 

प्रवक्ता जितेंद्र कुमार ने भी अपनी बात रखी, जिसमें उन्होंने नगर निगम द्वारा खत्म किए गए पदों को फिर से बहाल करने की मांग की। इसके अलावा, उन्होंने दैनिक कर्मचारियों के स्थायीकरण और आऊटसोर्स कर्मचारियों को निगमकर्मी के रूप में स्वीकार करने की आवश्यकता को महसूस कराया। "जब तक आऊटसोर्स व्यवस्था समाप्त नहीं होती, आंदोलन जारी रहेगा," उन्होंने स्पष्ट किया। 

जितेंद्र कुमार ने यह भी चेतावनी दी कि किसी भी दैनिक सफाई कर्मचारी या आऊटसोर्स कर्मचारी का शोषण समन्वय समिति किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं करेगी, चाहे वह नगर पार्षद हो या निगम अधिकारी। समिति ने यह भी गंभीर चिंता जताई कि बिना किसी कारण बताओ नोटिस के कर्मचारियों को कार्यमुक्त या निलंबित किया जाता है, जो कि पूरी तरह से अनुचित है। 

सभा को संबोधित करने वाले अन्य प्रमुख नेताओं में सूरज राम, मुकेश ठाकुर, सतीश नारायण मिश्रा, रमेश राय, बिपिंन कुमार, सुजित पासवान, आजाद जी और मिन्ता देवी ने भी कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा करने के लिए समन्वय समिति की प्रतिबद्धता व्यक्त की। 

मासिक बैठक में उठाए गए प्रमुख मुद्दे
मासिक बैठक में समन्वय समिति ने कुछ प्रमुख समस्याओं पर चर्चा की, जिनमें से एक था कूड़ा पॉइंट पर काम करने वाले कर्मचारियों का मामला। समन्वय समिति के प्रतिनिधियों ने इस मुद्दे को उठाया, और कार्यपालक पदाधिकारी ने कार्यालय सहायक को निर्देश दिया कि वे चालकों की सूची तैयार कर उनके माध्यम से गाड़ियां चलवाएं।

इसके अलावा, कुछ वार्डों में कर्मचारियों के हाजिरी बनाने पर रोक लगाने की समस्या भी उठाई गई, जिसे कार्यपालक पदाधिकारी ने गंभीरता से लिया और इस पर त्वरित कार्रवाई का आश्वासन दिया। 

सफाई कर्मचारियों का निजी काम में प्रयोग अवैध
कार्यपालक पदाधिकारी ने इस दौरान सफाई कर्मचारियों से अन्य निजी कामों के लिए लगाए जाने की समस्या पर भी चर्चा की। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि यह पूरी तरह अनुचित है। नगर निगम के कर्मचारी केवल सफाई कार्य के लिए नियुक्त किए गए हैं और उन्हें किसी अन्य काम में नहीं लगाया जा सकता। उन्होंने इस मुद्दे पर स्वयं माननीयों से बात करने की बात कही। 

इस महत्वपूर्ण बैठक और सभा के दौरान यह स्पष्ट हो गया कि पटना नगर निगम कर्मचारी अपने अधिकारों की रक्षा के लिए पूरी तरह से एकजुट हैं। वे किसी भी प्रकार के शोषण को सहन नहीं करेंगे और नगर निगम प्रशासन और राज्य सरकार से अपने जायज हक की प्राप्ति के लिए संघर्ष करते रहेंगे।

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