पटना | राजनीतिक रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर (PK) ने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है। उन्होंने जन सुराज अभियान के तहत 5 बड़े वादे किए हैं, जो खासतौर पर गरीब, दलित और किसान वर्ग को ध्यान में रखकर तैयार किए गए हैं। उनके ये वादे बिहार की मौजूदा राजनीति में बदलाव की आहट के रूप में देखे जा रहे हैं।
PK के 5 बड़े वादे
1️⃣ 10वीं में 50% से अधिक अंक लाने वालों को ₹2000 प्रतिमाह स्कॉलरशिप
- बिहार में शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए प्रशांत किशोर ने मेधावी छात्रों को आर्थिक मदद देने का ऐलान किया है।
- 10वीं कक्षा में 50% से अधिक अंक लाने वाले छात्रों को ₹2000 प्रतिमाह स्कॉलरशिप दी जाएगी, जिससे वे आगे की पढ़ाई जारी रख सकें।
2️⃣ 3 साल में भूमिहीन दलित परिवारों को 3 डिसमिल जमीन
- गरीब और भूमिहीन दलित परिवारों को 3 साल के भीतर 3 डिसमिल जमीन देने का वादा किया गया है।
- बिहार में अभी भी बड़ी संख्या में दलित परिवार ऐसे हैं जिनके पास अपना घर बनाने के लिए जमीन नहीं है।
3️⃣ खेती के लिए लीज पर सरकारी जमीन
- बिहार के किसानों को सशक्त बनाने के लिए PK ने सरकारी जमीन को लीज पर देने की घोषणा की है।
- इससे गरीब और भूमिहीन किसान सरकारी जमीन पर खेती कर अपनी आजीविका सुधार सकेंगे।
4️⃣ स्वरोजगार के लिए सरकारी गारंटी पर पूंजी दी जाएगी
- PK ने स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए सरकारी गारंटी पर पूंजी उपलब्ध कराने का वादा किया है।
- इससे युवा और छोटे व्यवसायी बिना किसी बैंक गारंटी के नया बिजनेस शुरू कर सकेंगे।
5️⃣ दलितों को चुनाव में देंगे टिकट
- बिहार की राजनीति में दलितों की भागीदारी बढ़ाने के लिए PK ने उन्हें चुनाव में टिकट देने का बड़ा वादा किया है।
- इससे दलित समुदाय को सत्ता में उचित प्रतिनिधित्व मिल सकेगा।
क्या PK के वादे बदलेंगे बिहार की राजनीति?
प्रशांत किशोर के ये 5 वादे सीधे तौर पर बिहार के छात्रों, किसानों, दलितों और बेरोजगार युवाओं को प्रभावित करते हैं।
- अगर ये वादे पूरे होते हैं, तो यह बिहार की राजनीति में बड़ा बदलाव ला सकते हैं।
- हालांकि, सवाल यह भी उठता है कि क्या PK के पास इन वादों को पूरा करने की ठोस रणनीति है?
अब देखना होगा कि जनता इन वादों को आशा की किरण मानती है या महज चुनावी वादा समझकर नजरअंदाज कर देती है। बिहार की सियासत में PK का यह दांव कितना असरदार साबित होगा, यह 2025 के चुनावों में साफ हो जाएगा! 🚀🔥

