कुर्ता फाड़ होली में रंगा माहौल, अबीर-गुलाल संग बजी ढोलक

Prashant Prakash
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जंदाहा (वैशाली) | फगुआ गीतों की गूंज, ढोलक की थाप और रंगों की बौछार के बीच वैशाली जिले के ग्रामीण इलाकों में होली का उल्लास चरम पर रहा। शहर से लेकर गांव तक होली का जलवा दिखा। खासकर जंदाहा प्रखंड के महिसौर और गौसपुर मोहल्ले में कुर्ता फाड़ होली ने समां बांध दिया।

कुर्ता फाड़ होली में सराबोर दिखे युवा

परंपरा के मुताबिक, होली के दिन सुबह से ही युवकों की टोली घरों से निकल पड़ी। छोटे-बड़े सभी को अबीर-गुलाल लगाकर होली की शुभकामनाएं दी गईं। महिसौर और गौसपुर में युवाओं ने पारंपरिक कुर्ता फाड़ होली खेली, जिसमें लोग खुशी से झूमते हुए अपने कुर्ते फाड़कर होली का उल्लास प्रकट करते हैं।
पकवान और प्रेम का रंग

होली सिर्फ रंगों की नहीं, बल्कि प्रेम और भाईचारे का भी पर्व है। लोगों ने एक-दूसरे को अबीर लगाकर गले मिलकर बधाई दी। घर-घर में बने गुजिया, मालपुआ, दही-बड़े और ठंडाई का आनंद लिया गया।

फगुआ गीतों पर झूमे लोग

गांव की गलियों में ढोल-मंजीरों की धुन पर फगुआ गीत गाए गए। "फागुनवा में रंग बरसे..." और "कान्हा बरसे रंग" जैसे गीतों पर लोग झूमते नजर आए। ग्रामीणों ने बताया कि यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है और यह समाज में प्रेम और समरसता का प्रतीक है।

शांति और सौहार्द का संदेश

होली के इस पावन अवसर पर पुलिस प्रशासन भी मुस्तैद रहा। महिसौर थाना क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए जगह-जगह सुरक्षा के इंतजाम किए गए।
कुल मिलाकर, वैशाली जिले के ग्रामीण इलाकों में होली के इस पारंपरिक रंगारंग उत्सव ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि भारतीय त्योहारों की रौनक और उनका जोश अद्वितीय है।

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