डिजिटल इंडिया अभियान को मजबूती देने और भाषाई समावेशिता को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ने एक बड़ी पहल की है। अब उपयोगकर्ता हिंदी यूआरएल के ज़रिए कई भारतीय सरकारी वेबसाइट्स को आसानी से एक्सेस कर सकते हैं। यह सुविधा देश के करोड़ों हिंदी भाषी लोगों के लिए इंटरनेट की दुनिया में बड़ी राहत साबित हो रही है।
इस पहल के तहत गृह मंत्रालय की वेबसाइट अब गृहमंत्रालय.सरकार.भारत (grihmantralay.sarkar.bharat) के नाम से भी एक्सेस की जा सकती है। यह वेबसाइट अब हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में उपलब्ध है, जिससे आम नागरिकों को जानकारी तक पहुंच और भी सरल हो गई है।
यह बदलाव यूनिवर्सल एक्सेप्टेंस (Universal Acceptance) के सिद्धांत के अंतर्गत लाया गया है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि इंटरनेट पर हर भाषा और हर स्क्रिप्ट में यूआरएल को पहचान मिले और वे सुचारू रूप से काम करें।
सरकार का लक्ष्य है कि 22 आधिकारिक भारतीय भाषाओं में भी यूआरएल को प्रमोट किया जाए, ताकि देश के सभी क्षेत्रों और भाषाई समूहों को डिजिटल सुविधाओं से जोड़ा जा सके। यह कदम न केवल भाषाई समानता को बढ़ावा देगा, बल्कि ग्रामीण और गैर-अंग्रेजी भाषी इलाकों के लोगों के लिए डिजिटल सेवाएं सुलभ बनाएगा।
इस पहल के प्रमुख लाभ
- भाषाई बाधा होगी कम : अब यूज़र को अंग्रेजी यूआरएल याद रखने की ज़रूरत नहीं।
- डिजिटल समावेशन : क्षेत्रीय और ग्रामीण नागरिक भी अब आसानी से सरकारी वेबसाइट्स का उपयोग कर सकेंगे।
- सरल नेविगेशन : मातृभाषा में वेबसाइट एक्सेस करने से सूचना प्राप्त करना और भी सहज हो जाएगा।
निष्कर्ष
सरकार का यह कदम डिजिटल लोकतंत्र की दिशा में एक क्रांतिकारी परिवर्तन है। हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं में यूआरएल का उपयोग बढ़ने से देश की एक बड़ी आबादी इंटरनेट की मुख्यधारा से जुड़ सकेगी। यह पहल भारत को एक भाषा-समर्थ डिजिटल राष्ट्र बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकती है।