चुनावी रैली में बोले तेजस्वी 'सत्ता में आए तो वक्फ कानून को कूड़ेदान में फेंक देंगे'

Prashant Prakash
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बिहार विधानसभा चुनाव अभियान ज़ोरों पर है, और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नेता व महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव के एक तीखे राजनीतिक बयान ने सियासी पारा और बढ़ा दिया है। रविवार को अपनी जनसभाओं के दौरान, तेजस्वी ने एक बड़ा वादा करते हुए केंद्र सरकार द्वारा पारित 'वक्फ (संशोधन) कानून' को "कूड़ेदान में फेंकने" की बात कही है, अगर 'इंडिया' गठबंधन बिहार में सत्ता में आता है।

तेजस्वी का बड़ा ऐलान

कटिहार और किशनगंज जैसे मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में जनता को संबोधित करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि केंद्र की भाजपा नीत सरकार द्वारा लाया गया यह कानून विशेष समुदाय के हितों के खिलाफ है। उन्होंने पुरज़ोर तरीक़े से इस कानून का विरोध करते हुए इसे राज्य में लागू नहीं होने देने का संकल्प लिया। उनके इस बयान को सीमांचल क्षेत्र के मतदाताओं को साधने की एक बड़ी राजनीतिक रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है।

तेजस्वी ने अपने भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि उनके पिता लालू प्रसाद यादव ने कभी सांप्रदायिक ताकतों से समझौता नहीं किया, लेकिन नीतीश कुमार ने हमेशा ऐसी ताकतों का साथ दिया है। उन्होंने भाजपा को 'भारत जलाओ पार्टी' कहकर भी संबोधित किया।
वक्फ कानून क्या है?

'वक्फ (संशोधन) कानून' (जो केंद्र सरकार द्वारा लाया गया था) का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाना है। केंद्र सरकार का दावा है कि यह कानून मुस्लिम समुदाय, विशेष रूप से गरीब तबके, पिछड़े लोगों और महिलाओं के अधिकारों को सशक्त करता है। हालांकि, देश के कई मुस्लिम संगठनों और विपक्षी दलों ने इस कानून पर यह कहते हुए विरोध जताया है कि यह वक्फ बोर्डों की स्वायत्तता को कम करता है और संपत्तियों के प्रबंधन में सरकार का अनावश्यक हस्तक्षेप बढ़ाता है।

भाजपा और जदयू का तीखा पलटवार

तेजस्वी यादव के इस बयान पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और जनता दल (यूनाइटेड) (जेडीयू) ने तत्काल और तीखी प्रतिक्रिया दी है।

 * संसद का अपमान : बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने इस बयान को देश की सर्वोच्च संस्था संसद का सीधा अपमान बताया है। उनका तर्क है कि संसद द्वारा पारित और राष्ट्रपति द्वारा अनुमोदित एक केंद्रीय कानून को किसी भी राज्य सरकार द्वारा "कूड़ेदान में फेंकना" संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि संसद ही किसी कानून में बदलाव कर सकती है।

 * तुष्टिकरण की राजनीति : बीजेपी ने तेजस्वी पर 'तुष्टिकरण की राजनीति' करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि यह बयान आरजेडी की "जंगलराज" वाली मानसिकता को दर्शाता है, जिसका उद्देश्य सिर्फ वोटबैंक के लिए भ्रम फैलाना है।

 * गुमराह करने का आरोप : बीजेपी नेताओं ने कहा कि तेजस्वी यादव बिहार की जनता, खासकर अल्पसंख्यक समुदाय को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने पूछा कि जो कानून संसद से पास हो चुका है, उसे राज्य सरकार कैसे रद्द कर सकती है।

    तेजस्वी यादव का यह बयान बिहार चुनाव में एक नए विवादास्पद अध्याय को खोलता है। एक तरफ आरजेडी वक्फ कानून को लेकर मुस्लिम समुदाय के बीच अपनी पैठ मज़बूत करना चाहती है, तो दूसरी तरफ भाजपा इसे संसद के अपमान और तुष्टिकरण के मुद्दे पर हमलावर होकर भुनाने की कोशिश कर रही है। यह देखना दिलचस्प होगा कि वक्फ कानून का मुद्दा बिहार के चुनावी नतीजों पर कितना असर डालता है।

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