भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार और इस बार राजद (RJD) के उम्मीदवार खेसारी लाल यादव इन दिनों बिहार चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं। लेकिन इसी बीच मुंबई से आई एक खबर ने राजनीतिक हलचल तेज कर दी है।
मीरा भायंदर नगर निगम ने खेसारी लाल यादव के मीरा रोड स्थित बंगले पर अवैध निर्माण का नोटिस जारी किया है, और चेतावनी दी है कि अगर लोहे के एंगल और शेड को नहीं हटाया गया तो बुलडोजर चलाया जाएगा।
अब सबसे बड़ा सवाल उठ रहा है —
क्या यह कार्रवाई सिर्फ प्रशासनिक है, या फिर इसके पीछे राजनीति की गंध है?
🔸 राजनीतिक कोण से देखिए —
खेसारी लाल यादव पहली बार राजनीति में कदम रख रहे हैं, और वो भी राजद जैसे बड़े दल से।
उनकी लोकप्रियता सिर्फ भोजपुरी फिल्मों तक सीमित नहीं है, बल्कि गांव-गांव में उनकी पहचान है।
ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी है कि जब चुनाव अपने चरम पर हैं, तभी नगर निगम का नोटिस क्यों?
क्या यह सिर्फ एक “संयोग” है या फिर “सुनियोजित दबाव”?
कई राजनीतिक जानकारों का कहना है कि जब कोई सेलेब्रिटी राजनीति में उतरता है, तो उस पर विरोधी पक्ष की निगाहें और कड़ी हो जाती हैं।
खेसारी की बढ़ती लोकप्रियता शायद कुछ लोगों को असहज कर रही है।
🔸 प्रशासन की दलील —
नगर निगम का पक्ष साफ है —
यह कार्रवाई नियमित अतिक्रमण जांच के तहत की जा रही है।
निगम अधिकारियों का कहना है कि बंगले के बाहर लगे शेड और एंगल नियमों के खिलाफ हैं और यह नोटिस कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा है।
उनके अनुसार इसमें किसी तरह की राजनीति नहीं है।
🔸 जनता और सोशल मीडिया की राय —
सोशल मीडिया पर यह मामला राजनीतिक बहस का रूप ले चुका है।
कुछ यूजर्स कह रहे हैं कि "जब कोई कलाकार जनता का नेता बनता है, तो उस पर सिस्टम सख्त हो जाता है।"
वहीं, कुछ लोग इसे कानूनी कार्रवाई को राजनीतिक चश्मे से देखने की गलती बता रहे हैं।
