बिहार की मिट्टी में गणित भी है और सामान्य ज्ञान भी : PM मोदी

Prashant Prakash
By -
0
पटना | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने बिहार दौरे के दौरान एक बार फिर प्रदेश की राजनीति और बौद्धिक पहचान दोनों को केंद्र में रखकर तीखा लेकिन सांकेतिक संदेश दिया।
उन्होंने कहा —

> “बिहार की मिट्टी ने आर्यभट्ट जैसे महान गणितज्ञ पैदा किए हैं। यहां के लोगों का अंकगणित भी अच्छा है और सामान्य ज्ञान में भी कोई मुकाबला नहीं।”


🔹 ‘चारा घोटाले’ पर सीधा वार

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में अप्रत्यक्ष रूप से लालू यादव पर हमला करते हुए कहा कि

> “चारा घोटाले वालों को लगता है कि बिहार की जनता को आज भी ‘चरा’ सकते हैं,
लेकिन बिहार के लोग अब बहुत समझदार और जागरूक हो चुके हैं।”


इस बयान के ज़रिए प्रधानमंत्री ने विपक्ष को निशाने पर लिया, साथ ही जनता को यह संदेश देने की कोशिश की कि बिहार अब पुराने राजनीतिक समीकरणों से आगे बढ़ चुका है।


🔹 बिहार की बौद्धिक परंपरा का सम्मान

प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में बिहार की ऐतिहासिक और शैक्षणिक विरासत की सराहना करते हुए कहा कि यह भूमि सिर्फ राजनीति की नहीं, बल्कि ज्ञान और गणित की जननी रही है।
आर्यभट्ट, चाणक्य और बुद्ध की धरती के रूप में बिहार ने भारत की बौद्धिक दिशा तय की है, और अब वही परंपरा विकास और जागरूकता के रूप में आगे बढ़ रही है।


🔹 संदेश के पीछे की राजनीति

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि प्रधानमंत्री मोदी का यह “अंकगणित” वाला बयान सिर्फ रूपक नहीं था।
यह बिहार की मौजूदा राजनीतिक स्थिति को ध्यान में रखकर दिया गया एक रणनीतिक संदेश था —
कि राज्य की जनता अब जातीय समीकरणों से हटकर विकास, रोजगार और सुशासन की दिशा में सोच रही है।


🔹 विकास बनाम परिवारवाद

प्रधानमंत्री का यह भाषण एक तरह से “विकास बनाम परिवारवाद” की बहस को भी पुनर्जीवित करता है।
उन्होंने संकेत दिया कि अब बिहार में राजनीति का गणित बदल रहा है —
जहाँ वोट बैंक का समीकरण नहीं, बल्कि विकास की दिशा ही आगे का रास्ता तय करेगी।


🗣️ जनता का मूड बदल रहा है

स्थानीय विश्लेषकों का कहना है कि प्रधानमंत्री का यह बयान बिहार की नई युवा पीढ़ी को संबोधित करता है,
जो जाति से ज्यादा रोजगार, शिक्षा और अवसरों पर ध्यान दे रही है।
यह वही “नया बिहार” है, जिसे मोदी “जागरूकता का बिहार” कहकर संबोधित कर रहे हैं।

   प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का “बिहार का नया अंकगणित” वाला संदेश एक राजनीतिक व्यंग्य भर नहीं, बल्कि एक विकास की परिभाषा भी है।
उन्होंने साफ कर दिया कि बिहार की जनता अब संवेदनशील, समझदार और परिवर्तनशील है।
यह नया अंकगणित अब जाति या परिवार पर नहीं, बल्कि जागरूकता, विकास और आत्मविश्वास पर आधारित है।

Post a Comment

0Comments

Post a Comment (0)

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

प्रिय पाठक, आपकी राय हमारे लिए मूल्यवान है — कृपया हमें बताएं। Send Your Opinion
Ok, Go it!
Amazon A Logo