नेताओं ने कहा कि उद्योग विहीन गया जिला में 2008 से शिलान्यास किया हुआ स्टील प्रॉसेसिंग प्लांट ऐरू ,वजीरगंज का निर्माण कार्य अभी तक शुरू नहीं हुआ, तथा भूसंडा पशु मेला में वर्षो से अधिग्रहित 13 एकड़ भूमि पर स्टेडियम का निर्माण कार्य शुरू नहीं होने से छात्र, युवाओं में भारी निराशा है।
मगध कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना नहीं होने, उत्तर कोयल सिचाई परियोजना एवं ढाढर सिचाई परियोजना के अधूरे कार्य एवं झारखण्ड राज्य से पानी का समाधान नहीं होने से किसानो में मायूसी है।
नेताओं ने कहा कि यातायात की सुविधा के लिए फल्गु नदी के दोनों छोर पर सड़क का निर्माण कराना नितांत आवश्यक है।
गया रेल्वे स्टेशन को डिवीजनल जोन बनने, चाकन्द, इश्वर चौधरी हॉलट, मानपूर, बंधुआ, कष्ठा रेल्वे स्टेशन का विकास तथा बागेश्वरी, पंचायती अखाड़ा, कटारी, बंधुआ, मानपूर, टनकुप्पा में रेल्वे ओवर ब्रिज बनाने की मांग वर्षो से जारी है।
गया शहर के 52 वर्षो से संचालित गया आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल को माफियाओं के चंगुल से मुक्त कराने, गया व्यवहार न्यायालय में पटना हाईकोर्ट का बेंच स्थापित करने, अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल को एम्स का दर्जा देने की मांग केंद्र एवं राज्य सरकारों से किया है।
