Patna | बिहार के स्वास्थ्य विभाग में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां फर्जी नियुक्ति पत्र के आधार पर 11 जेएनएम (JNM) नर्सों की बहाली की गई थी। इस घोटाले का खुलासा होते ही सदर अस्पताल, गोपालगंज में हड़कंप मच गया। अस्पताल प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए थाने में प्राथमिकी (FIR) दर्ज करवाई है।
कैसे हुआ फर्जीवाड़ा?
सदर अस्पताल गोपालगंज के उपाधीक्षक डॉ. संजीव कुमार द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर के अनुसार, यह सभी नर्सें फर्जी नियुक्ति पत्र के जरिए 2021 में नौकरी पर रखी गई थीं। इनकी बहाली स्वास्थ्य विभाग, पटना द्वारा जारी पत्र संख्या 313 (6) के आधार पर हुई थी, जो अब फर्जी साबित हो चुका है। इस फर्जी नियुक्ति पत्र के जरिए कुल 12 नर्सों की बहाली हुई थी, लेकिन इनमें से एक की मौत हो चुकी है।
गोपनीय जांच में हुआ खुलासा
अस्पताल प्रशासन को जब इन कर्मचारियों की नियुक्ति पर संदेह हुआ, तो स्वास्थ्य विभाग से संबंधित दस्तावेजों की गहन जांच की गई। जांच में यह सामने आया कि इनका नियुक्ति पत्र पूरी तरह से जाली है और किसी भी अधिकृत स्रोत से जारी नहीं किया गया था। इसके बाद तुरंत कार्रवाई करते हुए 11 JNM नर्सों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।
कौन-कौन हैं आरोपी?
अब तक सामने आई जानकारी के अनुसार, इन सभी नर्सों ने पिछले तीन वर्षों से वेतन और अन्य सरकारी सुविधाएं प्राप्त की थीं, जिससे सरकार को लाखों रुपए की चपत लगी है। पुलिस अब यह भी जांच कर रही है कि इस फर्जीवाड़े में कौन-कौन शामिल हैं और किस स्तर पर मिलीभगत हुई है।
क्या होगी अगली कार्रवाई?
आरोपियों से पूछताछ शुरू: पुलिस इन नर्सों से पूछताछ कर रही है कि उन्हें यह फर्जी नियुक्ति पत्र किसने और कैसे उपलब्ध कराया।
स्वास्थ्य विभाग करेगा कड़ी कार्रवाई: बिहार स्वास्थ्य विभाग अब इस पूरे मामले की अंदरूनी जांच कर रहा है और जल्द ही अन्य संदिग्ध नियुक्तियों की भी समीक्षा की जाएगी।
भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम: यह मामला राज्यव्यापी भर्ती घोटाले का हिस्सा हो सकता है, इसलिए प्रशासन ने इसमें शामिल हर व्यक्ति को सजा दिलाने की बात कही है।
बिहार में पहले भी हो चुके हैं ऐसे घोटाले
बिहार में स्वास्थ्य विभाग और सरकारी नौकरियों में फर्जीवाड़े के कई मामले पहले भी सामने आ चुके हैं। फर्जी डिग्री, जाली प्रमाण पत्र और फर्जी नियुक्ति पत्र के जरिए सरकारी नौकरियां पाने का यह खेल नया नहीं है। इससे पहले भी बिहार पुलिस और शिक्षा विभाग में फर्जी बहाली के कई मामले सामने आ चुके हैं।
सरकार की सख्ती, फिर भी जारी है खेल!
राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग की सख्ती के बावजूद भर्ती प्रक्रिया में भ्रष्टाचार थमने का नाम नहीं ले रहा। इस मामले ने यह साफ कर दिया है कि अस्पतालों और सरकारी संस्थानों में दस्तावेजों की जांच प्रक्रिया को और मजबूत करने की जरूरत है।
अब देखना यह होगा कि इन 11 फर्जी नर्सों के खिलाफ क्या कार्रवाई होती है और इस घोटाले के मास्टरमाइंड तक प्रशासन कैसे पहुंचता है।
