जापान को मिली पहली महिला प्रधानमंत्री

Prashant Prakash
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जापान ने आज एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए साने ताकाइची को देश की पहली महिला प्रधानमंत्री के रूप में चुना है। 64 वर्षीय ताकाइची ने लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (LDP) की ओर से संसद में बहुमत हासिल किया, जहां उन्हें 237 मतों का समर्थन मिला — जो बहुमत से 4 अधिक हैं।


🔹 जापान की राजनीति में नया अध्याय

जापान, जो लंबे समय से पुरुष प्रधान राजनीति के लिए जाना जाता है, अब एक नए दौर में प्रवेश कर चुका है। ताकाइची का प्रधानमंत्री बनना न केवल राजनीतिक बदलाव का संकेत है, बल्कि जापानी समाज में महिलाओं की बढ़ती भूमिका का प्रतीक भी है।

ताकाइची ने संसद में भाषण देते हुए कहा —

> “यह केवल मेरी जीत नहीं, बल्कि हर उस जापानी महिला की जीत है जिसने बराबरी का सपना देखा है।”


🔹 शिगेरु इशिबा के इस्तीफे के बाद खुला रास्ता

पूर्व प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा ने हाल ही में अपनी पार्टी की चुनावी हार के बाद इस्तीफा दे दिया था। उनके इस्तीफे के बाद पार्टी के भीतर गहन मंथन चला और आखिरकार LDP ने ताकाइची को अपना नेता चुना। सोमवार को संघर्षरत पार्टी ने जापान इनोवेशन पार्टी के साथ गठबंधन किया, जिससे संसद में बहुमत सुनिश्चित हो गया।


🔹 कौन हैं साने ताकाइची?

उम्र : 64 वर्ष

पार्टी : लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (LDP)

राजनीतिक छवि: राष्ट्रवादी और कड़े निर्णय लेने वाली नेता

पहले कई बार संचार और आंतरिक मामलों की मंत्री रह चुकी हैं।

महिलाओं की भागीदारी, राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक सुधार उनके मुख्य मुद्दे रहे हैं।

ताकाइची जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की करीबी मानी जाती हैं और उनकी नीतियों को आगे बढ़ाने की समर्थक हैं।


🔹 अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वागत

अमेरिका, ब्रिटेन, भारत और यूरोपीय संघ के नेताओं ने साने ताकाइची को बधाई दी है।
भारत के प्रधानमंत्री ने पोस्ट किया —

> “जापान को उसकी पहली महिला प्रधानमंत्री के रूप में साने ताकाइची पर गर्व है। यह एशिया में महिला सशक्तिकरण की नई मिसाल है।”


🔹 क्या बदलेगा ताकाइची के दौर में?

राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक ताकाइची के सामने तीन बड़ी चुनौतियाँ होंगी --

1. आर्थिक सुधार – मुद्रास्फीति और बढ़ती बेरोजगारी से निपटना।

2. विदेश नीति – चीन और उत्तर कोरिया से बढ़ते तनाव को संतुलित करना।

3. सामाजिक बदलाव – महिलाओं और युवाओं की राजनीतिक भागीदारी को बढ़ावा देना।


🔹 निष्कर्ष

साने ताकाइची का प्रधानमंत्री बनना केवल एक राजनीतिक बदलाव नहीं, बल्कि जापान के सामाजिक इतिहास में एक नई सुबह का संकेत है।
जहाँ कभी महिलाओं को राजनीति के हाशिये पर देखा जाता था, वहीं आज एक महिला देश की सबसे बड़ी जिम्मेदारी संभाल रही है।

> 🌸 “जापान ने आज यह दिखा दिया कि बदलाव संभव है — अगर इरादा मजबूत हो।” 

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