“टारगेट बढ़ रहा है, पर सैलरी नहीं...” कर्मचारी का 2 लाइन का रेजिग्नेशन लेटर वायरल, लोगों ने कहा– दिल की बात कह दी!

Prashant Prakash
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सोशल मीडिया पर इन दिनों एक रेजिग्नेशन लेटर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें एक कर्मचारी ने अपने दिल की बात बेहद सीधी और सटीक अंदाज़ में लिख दी है। ऑफिसों में बढ़ते वर्क प्रेशर और कम सैलरी से परेशान इस कर्मचारी ने सिर्फ दो लाइनों में अपना गुस्सा और लाचारी जाहिर कर दी।

कर्मचारी ने अपने बॉस को लिखा—

"मैं रिजाइन कर रहा हूं, क्योंकि यहां सिर्फ टारगेट बढ़ रहे हैं, लेकिन सैलरी नहीं। मैं काम करता हूं, जादू नहीं।"


यह चिट्ठी जैसे ही सोशल मीडिया पर पहुंची, लोगों ने इसे हाथों-हाथ उठा लिया। हजारों लोगों ने इसे हर कर्मचारी की सच्चाई बताया। कई यूजर्स ने लिखा कि "आज के कॉरपोरेट कल्चर की यही हकीकत है — मेहनत और टारगेट की कोई सीमा नहीं, लेकिन सैलरी वहीं की वहीं!"

कई नेटिज़न्स ने इस पोस्ट पर कमेंट करते हुए कहा कि ये लाइनें सिर्फ एक कर्मचारी की नहीं, बल्कि लाखों युवाओं की आवाज़ हैं जो अपनी मेहनत के बावजूद उचित वेतन न मिलने से निराश हैं। कुछ ने तो मज़ाकिया लहजे में लिखा — “कर्मचारी ने लिखा नहीं, फटकार लगाई है।”

इस घटना ने फिर से वर्क-लाइफ बैलेंस और कॉरपोरेट प्रेशर पर बहस छेड़ दी है। जहां एक तरफ कंपनियां कर्मचारियों से दिन-रात काम की उम्मीद रखती हैं, वहीं दूसरी तरफ सैलरी इंक्रीमेंट को लेकर अक्सर टालमटोल होता है।

कई लोगों ने इसे ‘रेजिग्नेशन विद एटीट्यूड’ करार दिया है। सोशल मीडिया पर इस दो लाइन के लेटर को अब तक लाखों बार शेयर किया जा चुका है।

    यह दो लाइनों का रेजिग्नेशन सिर्फ एक चिट्ठी नहीं, बल्कि उन तमाम कर्मचारियों का दर्द है जो मेहनत तो जादूगरों जैसी करते हैं, लेकिन सैलरी बढ़ने का जादू कभी नहीं देखते।
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