भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह ने बिहार विधानसभा चुनाव में अपनी सियासी पारी की शुरुआत कर दी है। सोमवार को उन्होंने काराकाट विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल किया।
इस कदम ने बिहार की राजनीति में अचानक नई हलचल मचा दी है, क्योंकि ज्योति सिंह के चुनावी मैदान में उतरने से न सिर्फ इस सीट पर मुकाबला दिलचस्प हो गया है, बल्कि भोजपुरी जगत और राजनीति—दोनों का संगम भी दिखने लगा है।
सूत्रों के मुताबिक, कुछ दिन पहले ज्योति सिंह ने जन सुराज आंदोलन के संस्थापक प्रशांत किशोर (PK) से मुलाकात की थी। इसके बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चा थी कि वह जन सुराज के टिकट पर चुनाव लड़ सकती हैं। लेकिन सभी अटकलों पर विराम लगाते हुए ज्योति ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपनी दावेदारी पेश की है।
नामांकन के दौरान ज्योति सिंह समर्थकों के बीच आत्मविश्वास से भरी नजर आईं। उन्होंने कहा—
“मैं जनता की सेवा और महिलाओं की आवाज उठाने आई हूं। यहां की समस्याओं को करीब से देखा है, अब समाधान की जिम्मेदारी खुद उठाना चाहती हूं।”
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पवन सिंह की लोकप्रियता और भोजपुरी सिनेमा से जुड़ा ग्लैमर, ज्योति सिंह को एक अलग पहचान दिला सकता है। वहीं, निर्दलीय रूप से मैदान में उतरना यह भी दर्शाता है कि वह किसी पार्टी के सहारे नहीं, बल्कि जनता के भरोसे पर चुनावी मैदान में हैं।
काराकाट सीट पर अब मुकाबला त्रिकोणीय हो सकता है, क्योंकि यहां पहले से ही प्रमुख दलों के उम्मीदवार अपनी तैयारी में जुटे हैं। ऐसे में ज्योति सिंह की एंट्री ने समीकरण पूरी तरह बदल दिए हैं।
बिहार की राजनीति में अब भोजपुरी तड़का और ज्यादा तीखा हो गया है। जहां पहले खुद पवन सिंह के राजनीति में उतरने की चर्चा थी, अब उनकी पत्नी ज्योति सिंह ने ही मोर्चा संभाल लिया है।
अब देखना दिलचस्प होगा कि क्या ज्योति सिंह अपने नाम और जनसंपर्क से काराकाट में नया इतिहास रच पाएंगी या यह सिर्फ एक सिने-राजनीतिक प्रयोग बनकर रह जाएगा।
