भारत में शिक्षा को लेकर युवाओं का उत्साह लगातार बढ़ रहा है। हर साल लाखों विद्यार्थी डिग्री हासिल करने का सपना लेकर कॉलेज-विश्वविद्यालयों का रुख करते हैं। लेकिन इसी बीच कई ऐसी संस्थाएं उभर आई हैं जो बिना किसी कानूनी मान्यता के “विश्वविद्यालय” का तमगा लगाकर छात्रों से मोटी फीस वसूल रही हैं।
University Grants Commission (UGC) ने 2025 में ऐसी संस्थाओं की फर्जी विश्वविद्यालयों की सूची (Fake Universities List 2025) जारी की है, जो न तो वैध हैं, न उनकी डिग्रियाँ मान्य।
⚠️ UGC की चेतावनी क्या कहती है?
UGC के अनुसार, देश में केवल वही विश्वविद्यालय वैध माने जाते हैं जो —
1. संसद या राज्य विधानमंडल के अधिनियम से स्थापित हों,
2. UGC अधिनियम, 1956 की धारा 2(f) के तहत मान्यता प्राप्त हों, या
3. डीम्ड विश्वविद्यालय के रूप में केंद्र सरकार से अनुमति प्राप्त हों।
इनके अलावा किसी भी संस्था को “University” या “Vishwavidyalaya” शब्द का प्रयोग करने का कानूनी अधिकार नहीं है।
🚫 इन विश्वविद्यालयों से रहें दूर (फर्जी घोषित संस्थान)
नीचे दी गई संस्थाओं को UGC ने “फर्जी” करार दिया है या इनके नाम फर्जी विश्वविद्यालयों की सूची में पाए गए हैं।
📍 आंध्र प्रदेश
Bible Open University of India, विशाखापट्टनम
📍 दिल्ली
Commercial University Ltd., दरीयागंज
United Nations University, दिल्ली
Vocational University, दिल्ली
ADR-Centric Juridical University, राजेंद्र प्लेस
Indian Institute of Science and Engineering, न्यू दिल्ली
📍 केरल
📍 महाराष्ट्र
Raja Arabic University, नागपुर
📍 उत्तर प्रदेश
Gandhi Hindi Vidyapith, प्रयागराज
Netaji Subhash Chandra Bose University (फर्जी घोषित)
Indian Council of Education (भारतीय शिक्षा परिषद)
Mahamaya Technical University (बंद व गैर-मान्यता प्राप्त)
📍 पश्चिम बंगाल
Indian Institute of Alternative Medicine, हावड़ा
🧾 अन्य संदेहास्पद या गैर-मान्यता प्राप्त संस्थाएँ
कुछ अन्य संस्थान जैसे —
Vishwakarma Self Employment University, Spiritual University, World Peace of United Nations University, Akhil Bharatiya Lok Evam Sharirik Swasthya Vigyan Sansthan, Shri Bodhi Higher Education Academy —
इनके नाम आकर्षक हैं, परंतु UGC की वेबसाइट पर इनके मान्यता-पत्र नहीं मिलते। विद्यार्थियों को इनमें प्रवेश से पहले विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।
🔍 कैसे करें असली-नकली की पहचान?
1. UGC की वेबसाइट (https://www.ugc.gov.in) पर “Recognized Universities” सूची देखें।
2. विश्वविद्यालय का स्थापना अधिनियम या डिग्री जारी करने का अधिकार जांचें।
3. संस्थान का पता, फैकल्टी, और मान्यता परिषद (AICTE/NMC/NCTE) की स्थिति देखें।
4. किसी भी संस्था के नाम में “National”, “International” या “United Nations” शब्द देखकर भ्रमित न हों।
5. किसी भी संदेह की स्थिति में सीधे UGC या राज्य उच्च शिक्षा विभाग से जानकारी लें।
📢 UGC का बयान (2025)
> “ऐसे संस्थान जो बिना अधिकार के विश्वविद्यालय नाम का प्रयोग कर रहे हैं, वे विद्यार्थियों को धोखा दे रहे हैं। उनकी डिग्रियाँ किसी भी सरकारी या निजी नौकरी में मान्य नहीं हैं।”
— UGC सचिव, नई दिल्ली
💬 विशेषज्ञों की राय
शिक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि फर्जी विश्वविद्यालयों का सबसे ज्यादा नुकसान गाँवों और छोटे कस्बों के छात्रों को होता है, जहाँ जानकारी की कमी के कारण वे इन संस्थाओं के जाल में फँस जाते हैं। कई छात्र वर्षों की मेहनत के बाद जब नौकरी या आगे की पढ़ाई के लिए आवेदन करते हैं, तब उन्हें पता चलता है कि उनकी डिग्री कागज़ का टुकड़ा मात्र है।
✅ विद्यार्थियों के लिए सुझाव
दाखिला लेने से पहले UGC और AICTE की मान्यता जाँचें।
“Online” या “Distance” कोर्स में दाखिला लेते समय विश्वविद्यालय की NAAC ग्रेडिंग देखें।
किसी भी विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर “UGC Act 1956 recognition under section 2(f)” लाइन खोजें।
संदेह की स्थिति में सीधे ugc@nic.in पर ई-मेल करें।
🕵️♂️ निष्कर्ष
शिक्षा के नाम पर ठगी करने वाले ऐसे संस्थान देश की युवा पीढ़ी के सपनों से खिलवाड़ कर रहे हैं। इसलिए आवश्यक है कि हम सब मिलकर जागरूकता फैलाएँ।
यह आलेख “भारत की फर्जी यूनिवर्सिटीज की लिस्ट — भाग 1” के रूप में प्रस्तुत है।
आने वाले भागों में हम राज्य-वार अन्य फर्जी विश्वविद्यालयों की जानकारी और जांच-स्रोत साझा करेंगे।
