बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में जब 6 नवंबर को मतदान होगा, तब राज्य की 121 सीटों पर जनता अपने प्रतिनिधियों का चयन करेगी। इस चरण में कई हाई-प्रोफाइल सीटें हैं, जहां से दिग्गज नेताओं और चर्चित चेहरों की किस्मत ईवीएम में बंद होगी। इन सीटों पर न सिर्फ राजनीतिक दलों की साख दांव पर है, बल्कि इनसे जुड़े प्रत्याशियों की लोकप्रियता और जनसमर्थन भी कसौटी पर होगा।
🔴 तेजस्वी यादव — राघोपुर से प्रतिष्ठा की लड़ाई
राजद नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव एक बार फिर अपने पारंपरिक गढ़ राघोपुर से चुनाव मैदान में हैं। राघोपुर सीट लालू परिवार के लिए ऐतिहासिक रही है, जहां से लालू यादव और राबड़ी देवी भी चुनाव जीत चुके हैं। इस सीट पर मुकाबला सिर्फ दो उम्मीदवारों का नहीं, बल्कि दो विचारधाराओं का माना जा रहा है — सामाजिक न्याय बनाम विकास की राजनीति।
🟠 सम्राट चौधरी — तारापुर से एनडीए की शान
उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी तारापुर सीट से मैदान में हैं। भाजपा ने उन्हें अपनी ‘विकास और सुशासन’ की छवि के तौर पर जनता के सामने पेश किया है। सम्राट चौधरी के सामने चुनौती है अपने विधानसभा क्षेत्र में पार्टी के परंपरागत वोट बैंक को मजबूत बनाए रखना और विपक्षी एकता के प्रभाव को रोकना।
🟢 मैथिली ठाकुर — अलीनगर से लोकगायिका का सियासी आगाज़
लोकप्रिय लोकगायिका मैथिली ठाकुर इस बार अलीनगर सीट से मैदान में हैं। संगीत की दुनिया से राजनीति के मंच तक का उनका यह सफर काफी चर्चित है। मैथिली ठाकुर अपने क्षेत्र में युवाओं और महिलाओं के बीच जबरदस्त लोकप्रियता रखती हैं, और चुनाव में उनका प्रदर्शन यह तय करेगा कि मनोरंजन जगत के सितारे राजनीति में कितना प्रभाव डाल सकते हैं।
🔵 तेज प्रताप यादव — महुआ में फिर सियासी परीक्षा
जनशक्ति जनता दल के अध्यक्ष तेज प्रताप यादव इस बार महुआ से चुनाव लड़ रहे हैं। महुआ सीट पर उनका मुकाबला बेहद दिलचस्प माना जा रहा है क्योंकि यह सीट पहले भी तेज प्रताप की राजनीतिक पहचान का केंद्र रही है। इस बार वे एक नई पार्टी और नई रणनीति के साथ जनता के बीच हैं।
🟣 खेसारी लाल यादव — छपरा में भोजपुरी तड़का
भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार खेसारी लाल यादव ने भी इस बार सियासी मैदान में उतरकर सबको चौंका दिया है। छपरा सीट से मैदान में उतरने वाले खेसारी लाल यादव अपने स्टारडम और जनसंपर्क अभियानों के जरिए माहौल बनाने में जुटे हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या उनका फिल्मी करिश्मा राजनीतिक मंच पर भी काम करेगा।
⚫ अनंत सिंह — मोकामा में बाहुबल और जनाधार की परीक्षा
‘बाहुबली’ छवि वाले पूर्व विधायक अनंत सिंह एक बार फिर मोकामा से मैदान में हैं। जेल से बाहर आने के बाद उनकी सियासी सक्रियता ने मोकामा को फिर चर्चा में ला दिया है। उनके सामने चुनौती है — अपनी पारंपरिक पकड़ को बनाए रखना और जनता को यह विश्वास दिलाना कि वे अब ‘नए अनंत सिंह’ बन चुके हैं।
🟤 उमेश कुशवाहा — महनार में एनडीए बनाम जातीय समीकरण
जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा महनार सीट से मैदान में हैं। महनार सीट हमेशा से एनडीए और आरजेडी के बीच टक्कर की रही है। इस बार भी समीकरण बेहद रोचक हैं — जहां एक तरफ एनडीए की एकजुटता का दावा है, वहीं दूसरी ओर विपक्ष जातीय संतुलन साधने की कोशिश में है।
बिहार विधानसभा चुनाव का पहला चरण सियासी दृष्टि से बेहद अहम है। इन हाई-प्रोफाइल सीटों के नतीजे आने वाले चरणों की दिशा तय करेंगे। जनता इस बार नेताओं की जाति या छवि नहीं, बल्कि उनके काम और वादों की कसौटी पर फैसला सुनाने को तैयार दिख रही है।
